नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए रोचक कहानी इन हिंदी लेकर आए हैं। इन कहानियों को पढ़कर आपको आनंद की अनुभूति होगी। बचपन से हमने अनेक प्रकार की रोचक कहानियां जैसे दादी नानी की कहानियां, परियों की कहानियां , अकबर बीरबल की कहानियां और ना जाने कौन-कौन सी कहानियां सुनी है।
कहानियां सुनने और पढ़ने से मन उत्साहित रहता है और एक अलग ही उर्जा हमारे अंदर प्रवाहित होती है। कहानियां मनोरंजन के साथ ज्ञान का संग्रह होती है।
रोचक कहानी इन हिंदी – आखरी सीख
बहुत पुरानी बात है जब बच्चे आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। उस समय बच्चों को बचपन में आश्रम भेज दिया जाता था और जब तक उनकी शिक्षा पूरी नहीं हो जाती थी तब तक उनको घर आने नहीं मिलता था। एक बार सभी शिष्यों की शिक्षा पूर्ण हो गई थी तभी उनके गुरु ने सभी शिष्यों को बुलाया और तीन एक समान लकड़ी के खिलौने उनके सामने रख दिए और सभी सदस्यों से पूछा बताओ इन में क्या अंतर है ?
पहले तो किसी को कोई अंतर समझ में नहीं आया पर ध्यान से देखने में लकड़ी के खिलौनों में अंतर समझ में आ गया। एक शिष्य ने कहा इसके एक कान में छेद है , दूसरे खिलौने के मुंह और कान में छेद है और तीसरे खिलौने के दोनों कान में छेद है।
गुरु ने उन सभी सदस्यों से कहा जीवन में तुमको भी इसी प्रकार के लोग मिलेंगे पहला खिलौना जिसके दोनों कान में छेद है वह यह दर्शाता है कि जब आप किसी को अपनी समस्या सुनाएंगे तो वह एक कान से सुनेगा और दूसरे कान से निकाल देगा। ऐसे लोग कभी विश्वास के पात्र नहीं होते इसलिए कुछ भी हो जाए ऐसे लोगों को तुम कभी भी अपनी समस्या मत बताना।
दूसरा खिलौना जिसके एक कान और मुंह में छेद है वह यह दर्शाता है जब तुम ऐसे व्यक्ति को अपनी गुप्त बात या समस्या बताओगे तो वह सब को वह बात बताएगा , ऐसे व्यक्ति को कभी अपनी बात नहीं बतानी है ना उस पर कभी भरोसा करना है। वह तुम्हारे सारे राज सबको बता देगा।
तीसरा खिलौना जिसके एक कान में छेद है ऐसे व्यक्ति का प्रतीक है जो हमारी बात ध्यान से सुनते हैं और ना किसी से कहते हैं बल्कि हमारी समस्या का समाधान भी हमें बताते हैं।
ऐसे व्यक्ति सदैव मित्रता करने के योग होते हैं और हमेशा हमारे सुख-दुख में हमारे साथ होते हैं। जब भी ऐसा कोई व्यक्ति मिले जो तुम्हारी बात किसी से ना कहे और तुम्हारी हर समस्या का समाधान करें तो उसको कभी नहीं जाने देना उसे हमेशा मित्र बना कर रखना।
गुरु ने अपनी बात खत्म करते हुए सभी शिष्यों को आशीर्वाद दिया और कहा यह मेरा अंतिम उपदेश हैं ,मैंने तुम लोगों को बहुत ज्ञान दिया था , पर यह ज्ञान तुम लोगों को जिस समाज में जा रहे हो उसके लिए है इसको हमेशा याद रखना और जीवन में आगे बढ़ना।
शिक्षा – इस कहानी से हमें किस प्रकार के लोगो को अपना मित्र बनाना है और किस प्रकार के लोगो हमें दूर रहना है इसका ज्ञान प्राप्त होता है।
रोचक कहानी – जीवन का ज्ञान
एक बार की बात है , तीन साधु एक साथ एक गांव में पहुंचे। उन साधुओं के चेहरे पर एक अलग ही तेज दिख रहा था। उनको देखकर ऐसा प्रतीत होता था मानो जैसे कोई देवता साधु के रूप में आया हो , उनके चलने का तरीका है , भाव और उनके शरीर पर जो चमक थी वह अलग ही थी।
तीनों साधु एक महिला के घर पहुंचे और अंदर आने की आज्ञा मांगी।
उस महिला ने कहा है – मैं आप लोगों को पहचान नहीं पाई हूं आप लोग किस उद्देश्य मेरे घर आए हैं और मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ ?
साधुओं ने कहा कि हम आपके यहां आना चाहते हैं , हमारे नाम इस प्रकार हैं मुझे धन कहते हैं, इन्हें सफलता और इन्हें प्रेम कहते हैं।
स्त्री ने आदर सहित तीनों को अंदर आने का न्योता दिया। पर साधु ने यह कहकर मना कर दिया कि हम तीनों कभी किसी के घर एक साथ नहीं जाते इसलिए आपको एक-एक को अंदर बुलाना होगा। आप पहले अपने पति से विचार-विमर्श कर ले उसके बाद हमें अंदर आने का न्योता दें।
स्त्री अंदर गई और अपने पति से विचार-विमर्श करने लगी कि बाहर तीन साधु आए हैं जो धन सफलता और प्रेम है। आप बताइए किस को अंदर आने का निमंत्रण देना है।
उसके पति ने कहा कि हम धन को आमंत्रण देते हैं और पत्नी इस बात पर अड़ गई कि हम सफलता को आमंत्रण देते हैं अगर सफलता को निमंत्रण देंगे तो धन अपने आप आ जाएगा। लेकिन पति का कहना था कि सफलता को आमंत्रण देने पर हमें मेहनत करनी पड़ेगी जब जाकर हमको धन मिलेगा।
बहुत देर तक उनकी बहस चली पर वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे और उन्होंने यह निर्णय किया कि धन और सफलता को एक साथ निमंत्रण देंगे जिनमें से जो आना चाहेगा हम उसको अंदर ले लेंगे।
जैसा तय हुआ था पत्नी ने बाहर जाकर वैसा ही कहा कि धन और सफलता में से जो अंदर आना चाहे हम उनका सत्कार करने के लिए तैयार है।
स्त्री की यह बात सुनकर तीनों साधु जाने लगे। स्त्री ने आगे बढ़कर उन साधुओं से पूछा आखिर आप लोग क्यों जा रहे हैं ?
हमसे आखिर क्या गलती हो गई।
साधु ने बड़ी विनम्रता से कहा हम उसी घर में प्रवेश करते हैं जिस घर में सबसे पहले प्रेम को दावत दी जाती है और जो लोग लालच में आकर सफलता और धन को पहले बुलाते हैं हम उनके घर में कभी कदम नहीं रखते। इस प्रकार तीनों साधु वहां से चले जाते।
शिक्षा – हमें कभी लालच नहीं करना चाहिए और हमेशा प्रेम को महत्व देना चाहिए। सफलता और धन हम मेहनत करके भी पा सकते हैं लेकिन अगर हमारे घर में प्रेम नहीं रहेगा तो हम सफल होकर भी हम असफल हो जाएंगे।
दोस्तों रोचक कहानी इन हिंदी पढ़कर आप को बहुत आनंद आया होगा। आप को रोचक कहानी इन हिंदी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
धन्यवाद
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