दोस्तों आज हम आपके लिए एक नयी कहानी लेकर आए हैं। नयी कहानी को लिखने का उद्देश्य आप तक पहुंच पाना है। कहानियां मनोरंजन के साथ उस देश की संस्कृति और वहां के लोगों की सोच को भी दर्शाती हैं। कहानियां प्राचीन काल से ज्ञान और मनोरंजन का संगम रही हैं। राजा रानी , परियां और ना जाने कितने प्रकार की कहानी सुनकर हम बड़े हुए हैं।
राजा की नयी कहानी
बहुत पुरानी बात है एक बहुत मूर्ख राजा रहता है जिसका मंत्री बहुत होशियार रहता है। एक दिन राजा और मंत्री दोनों नदी किनारे घूमने के लिए जाते हैं तभी राजा मंत्री से पूछता है यह नदी कहां से निकली है और कहां तक जा रही है। मंत्री राजा को बताता है यह नदी उत्तर दिशा से निकलती है और पूर्वी देशों तक जाती है।
राजा मंत्री से कहता है तो इस नदी का सारा पानी पूर्वी देश के लोग उपयोग में लाते होंगे। मंत्री राजा से कहता है हां महाराज जिसकी जितनी जरूरत होती है वह उस हिसाब से जहां तक नदी जाती है सब इसके पानी का उपयोग करते हैं।
महाराज चिढ़कर कहते हैं यह नदी हमारी है और इसका पानी भी हमारा है और इसका उपयोग पूर्वी राज्य के राजा और प्रजा सब लोग कर रहे हैं। मैं ऐसा और नहीं होने दूंगा ,तुम तुरंत जाओ और नदी पर बांध बनाने की तैयारी करो।
मंत्री राजा को समझाने की कोशिश करता है अगर नदी पर बांध बन जाएगा तो उससे हमें बहुत नुकसान होगा पर राजा एक नहीं सुनता और मंत्री को आदेश देता है कि जल्द से जल्द इस नदी पर बांध बन जाना चाहिए।
राजा का आदेश
राजा के आदेश अनुसार मंत्री बहुत जोर शोर से नदी पर बांध बनाने का काम चालू कर देता है राज्य के सारे मजदूर और मिस्त्री सब उस नदी पर बांध बनाने में जुट जाते हैं। काम दिन के साथ-साथ रात में भी चलता है।
बांध बनाने के लिए राजा व्यापारियों और किसानों से अधिक कर वसूली की घोषणा भी कर देता है और बांध का काम रिकॉर्ड तीव्रता से करवाता है।
कुछ ही महीनों में एक भव्य बांध बन कर तैयार हो जाता है। बांध बनने से नदी का पानी पूरी तरह से पूर्वी राज्यों में जाना बंद हो जाता है। कुछ ही दिनों में बहुत तेज बारिश होती है और नदी पर बांध बनने की वजह से बहुत से गांव डूबने लगते हैं।
मंत्री की चाल – Nai Kahani in Hindi
जैसा मंत्री ने पहले कहा था वैसा ही हो रहा था। पर गांव के सभी लोगों को राजा पर बिल्कुल भरोसा नहीं था वह सब मिलकर मंत्री के पास गए और अपनी समस्या सुनाई। मंत्री ने सब की समस्या सुनी और सूझबूझ से एक रास्ता निकाला।
मंत्री ने राजा के महल में जो सिपाही हर समय घंटा बजाकर वक्त बताता था उसको यह समझा दिया कि वह हर आधे घंटे में , घंटा बजाएगा और उसने वैसा ही किया, जैसे ही रात के 3:00 बज गए उसने 6 घंटे बजाएं।
6 घंटे सुनकर राजा जाग गया और बाहर आया तो देखा कि अंधेरा है। अभी तक सूरज नहीं निकला। राजा सुबह का मुआवना करने महल से बाहर निकलता है तो देखता है बाहर मंत्री खड़ा है। राजा मंत्री से तुरंत कहता है आखिर आज सूरज क्यों नहीं निकला। 6:00 बज गए अभी तक अंधेरा ही है।
मंत्री राजा से कहता है जिस प्रकार हम ने पूर्वी देशों का पानी रोक लिया है मुझे लगता है उन लोगों ने सूरज की किरणों को रोक लिया है ताकि हम तक उजाला न पहुंच सके।
राजा यह बात सुनकर बहुत परेशान हो जाता है और मंत्री से कहता है क्या इसका कोई उपाय नहीं हो सकता ? अगर सूरज नहीं निकलेगा तो हमारा राज्य तो भुखमरी से मर जाएगा। ना कोई फसल होगी और राज्य के सभी लोगों के स्वास्थ्य बिगड़ जाएंगे।
मंत्री का उपाय
मंत्री राजा से कहता है मेरे पास एक उपाय है मैं पूर्वी देश के राजाओं को संदेश दूंगा पर आपको यह बांध तोड़ना होगा। जब यह बांध टूट जाएगा तो वह सूरज की किरणों को हमारे यहां आने देंगे।
राजा मंत्री की बात तुरंत मान लेता है और बाँध को तोड़ने का आदेश दे देता है। जैसे ही बांध टूटता है और 3 घंटे बाद सूरज निकल आता है इससे राजा बहुत खुश होता है और मंत्री की बहुत तारीफ करता है। राजा अब मंत्री की सूझबूझ और बुद्धिमानी पर उसे इनाम देने की घोषणा करता है।
इस प्रकार राजा और मंत्री दोनों का काम बन जाता है और आम जनता भी खुश हो जाती है।
मंत्री की सूझबूझ से पूरे राज्य की जनता का और दूसरे राज्यों की जनता का भी भला होता है। मंत्री हर संभव कोशिश करता है कि राजा कभी कोई गलत निर्णय ना ले और अगर गलत निर्णय ले भी ले तो उसको कैसे सुधारा जाए। मंत्री की इस सूझबूझ से सारे राज्य में उसकी एक अलग पहचान बनती है और राजा से ज्यादा फरियादी मंत्री से मिलने आते हैं। जब जब राजा कहीं फंस जाता है तब तब मंत्री राजा की भी मदद करता है इस वजह से मंत्री राजा का भी बहुत प्रिय होता है और अपनी प्रजा का भी बहुत प्रिय होता है।
दोस्तों हम सब ने राजा रानियों की बहुत सारी कहानी पढ़ी है। आज की कहानी भी इसी विषय पर थी। इस कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक सर्वोच्च पद पर मूर्ख व्यक्ति बैठता है और गलत निर्णय लेता है। पहले जब लोकतंत्र नहीं था तब राजा का पुत्र ही राजा बनता था। वह चाहे मूर्खों हो या चाहे समझदार। पर सब कुछ उसी पर निर्भर करता था।
अगर राजा बुद्धिमान और साहसी होता तो राज्य संपन्न होता और अगर राजा मूर्ख निकलता तो राज्य की सारी जनता को कष्ट भोगने पड़ते।
दोस्तों आपको नयी कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं। आपके कमेंट हमें लिखने की प्रेरणा देते हैं। हम आप तक इन कहानियों को पहुंचाने के लिए बहुत प्रयत्न करते हैं। धन्यवाद
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