ज्ञान देने वाली कहानी | अपनी कमाई का दान ,विजेता ,

 दोस्तों आज हम आपके लिए ज्ञान देने वाली कहानी लेकर आए हैं इन कहानियों में आपको मनोरंजन के साथ नैतिक ज्ञान प्राप्त होगा। हिंदि की अनेक कहानियों में से हम आपके लिए चुनकरज्ञान देने वाली कहानी लेकर आए हैं। अगर आपको नैतिक कहानियां पसंद है तो यह पोस्ट आपको बहुत पसंद आने वाली है।

ज्ञान देने वाली कहानी
ज्ञान देने वाली कहानी

  प्राचीन काल से ही कहानियों के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करना चला आ रहा है।  हमने स्कूल में और महाविद्यालयों में यह देखा गया है कि कहानियों का उदाहरण देकर हमें पढ़ाया जाता है। 

ज्ञान देने वाली कहानी – अपनी कमाई का दान

एक बार की बात है एक सफल व्यापारी जिसके पास हर सुख सुविधा थी। धन दौलत के तो मानो भण्डार लगे हो। शहर में उस व्यापारी से बड़ा कोई नहीं था। यह सब धन दौलत व्यापारी ने स्वयं मेहनत करके कमाई थी।  उसने रात दिन मेहनत की, व्यापार को समझा ,व्यापार को बढ़ाया और ना जाने कितनी कोशिश की तब जाकर वह इस मुकाम पर पहुंच पाया था। 

 व्यापारी बहुत दयालु प्रवृत्ति का था।  वह हमेशा धार्मिक कार्य किया करता और दान  भी दिया करता था। व्यापारी की एक लड़की थी जो विदेश में पढ़ा करती और एक लड़का था जो पढ़ाई  पूरी करके व्यापार करने आया था। 

 व्यापारी ने देखा कि उसका लड़का बेवजह ही अधिक खर्च करता है और जब भी कोई  कर्मचारी अथवा कोई अन्य व्यक्ति , भिखारी कुछ भी मांगता है तो वह बिना सोचे समझे दे देता है।  बहुत कम समय में ही व्यापारी का लड़का उसे उससे ज्यादा दान करने लगा।

एक  दिन व्यापारी ने अपने लड़के को बुलाया और कहा –  तुम मेरी कमाई हुई दौलत को उड़ा रहे हो, तुमको क्या लगता है यह दान करना सही है ? क्या तुमको पता है दान कब करना चाहिए और क्यों करना चाहिए ? 

तुमने अभी तक ₹1 भी नहीं कमाया है इसलिए तुमको इसकी कीमत का अंदाजा नहीं है। 

पहले तुम कर्मचारी की तरह पूरा महीना काम करोगे ,उसके बाद जो पैसे तुम्हें तनख्वाह के रूप में मिलेंगे उससे तुम दान करना फिर देखना तुम्हें मेरी बात समझ में आ जाएगी। 

 व्यापारी के लड़के ने पिता की बात मानी और एक महीना कर्मचारी की तरह काम किया और जब  उसको पगार मिली तब उसको समझ में आया कि पैसे की कीमत क्या होती है और जब उसने अपनी पगार में से पैसे दान किए तब  उस दान से जो आनंद मिला वह भी उसे समझ में आया। 

 व्यापारी के लड़के ने इससे पहले जो भी दान दिया था उससे ज्यादा खुशी उसको बहुत कम पैसे जो उसने एक महीना मेहनत करके कमाए थे वह देने में मिला। 

 व्यापारी ने समझदारी से अपने लड़के को पैसों की कीमत और दान के महत्व के बारे में समझा दिया। 

 शिक्षा –  दान हमेशा अपने कमाए हुए पैसों से ही करना चाहिए तभी उसका हमें धार्मिक लाभ मिलता है और मन को शांति ही प्राप्त होती है। जब तक हम पैसे नहीं कमाते तब तक हम उसकी कीमत नहीं समझ पाते।  

 Short Moral Story in Hindi- विजेता 

बहुत समय पुरानी बात है एक बहुत बड़ा तालाब था जिसमें बहुत सारे मेंढक रहा करते थे। उसी तालाब में एक बहुत ऊंचा और चिकना खम्मा लगा हुआ था। एक दिन तालाब  के सभी मेंढकों ने मिलकर यह योजना बनाई की इस खंभे पर चढ़ने की रेस लगाई जाए और जो भी यह रेश जीते वह सबसे बड़ा  विजेता कहलाए। ज्ञान देने वाली कहानी

  रेस का वक्त तय  किया गया और सभी मेंढक जो प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते थे तैयार हो गए। 

 सभी ने एक साथ कोशिश  करना प्रारंभ कर दिया और कुछ समय बाद लगभग सभी को यह लगने लगा कि यह रेस असंभव है। इस खंभे पर चढ़ना ना मुमकिन है।  धीरे-धीरे करके मेंढक उतरने लगे और  कोशिश करना बंद करने लगे। 

जो  मेंढक दो – तीन चढ़ा और गिर जाता वह रेस से बाहर ही हो जाता फिर वह दोबारा कोशिश नहीं करता, ज्ञान देने वाली कहानी। 

जितने मेंढक रेस से बाहर होते तो कुछ नए मेंढक अपना दम आजमाने आ जाते।  इस प्रकार बहुत वक्त गुजर गया और सब को यह लगने लगा कि अब इस खम्बे पर कोई नहीं चढ़ पाएगा और जो बहुत ऊपर तक चढ़ भी गए थे वह भी फिसल गए। ज्ञान देने वाली कहानी

 पर नए मेंढक आते जा रहे थे जिससे प्रतियोगिता समाप्त नहीं हो रही बल्कि बढ़ती ही जा रही थी। तभी एक छोटा मेंढक जो शुरू से लगा हुआ था ,ना जाने वह कितनी बार चढ़ा और उसने किसी की नहीं सुनी वह निरंतर कोशिश करता ही रहा। ज्ञान देने वाली कहानी

 धीरे धीरे कर कर वह बहुत ऊपर आ गया और लोग नीचे से चिल्ला रहे थे यह भी नहीं चढ़ पाएगा , इस खम्बे पर कोई नहीं चढ़ पाएगा। 

 पर वह मेंढक कोशिश करता रहा और अंत में वह सबसे ऊपर पहुंच ही गया, ज्ञान देने वाली कहानी। 

 जब वह ऊपर पहुंच गया तब सभी ने उससे पूछा आखिर ऊपर कैसे चढ़ गए। आखिर तुमने ऐसा क्या किया जो तुम गिरे नहीं। सब लोग जोर जोर से चिल्ला रहे थे तभी एक मेंढक ने बोला अरे क्यों अपना गला फाड़ रहे हो तुम्हें नहीं पता वह बेचारा सुन नहीं सकता। 

शिक्षा – दोस्तों सब में अपना लक्ष्य प्राप्त करने की पूरी शक्ति होती है पर कई बार हम नकारात्मक बातों को अपने दिमाग में बैठा लेते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते। जिस तरह उस मेंढक के बहरे होने की वजह से वह अपना लक्ष्य प्राप्त कर पाया उसी तरह अगर हम नकारात्मक बातों को ना सोचे और उन पर ध्यान ना दें तो हम किसी भी असंभव लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। असंभव लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमें लगातार प्रयत्न करते रहना चाहिए और किसी की नहीं सुनना चाहिए।

दोस्तों आप को ज्ञान देने वाली कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं ,आपकी प्रतिक्रिया से हमें और कहानी लिखने का और आप तक पहुंचाने  की प्रेरणा प्राप्त होती है। धन्यवाद

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1 Comment

  1. Thanks, very much to share with us. actually, I want to more stories but the English language, because I am trying to learn English through the story, I am learning in story new words after that i used to day to day life

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