Hindi story of tenali rama-यह कहानी है एक महान बुद्धिमान जो की सोलहवीं शताब्दी के ब्राह्मण है ,जिसकी कहानी आज भी सभी को उत्साह से भर देती है ।ऐसे तो भारत में बहुत महान और बुद्धिमान व्यक्ति हुए है पर
तेनालीरामा का जन्म
तेनालीरामा नाम के ब्राह्मण की सूज़बूज़ से सब परिचित है । तेनालीरामा का जन्म सोलहवीं शताब्दी में हुआ था । उस समय विजय नगर के महाराज श्री कृष्णदेव राय थे ।तेनालीराम कृष्णदेव राय की दरबार में कवि तथा मंत्री थे । तेनालीरामा ने अपनी सूझ-बूझ से कई बार महाराज कृष्णदेव राय की मदद की है। यह कहानी उसी में से एक है ।
लुटेरा व्यापारी– Hindi Story of tenali rama
एक समय की बात है बहुत दूर से एक चतुर व्यापारी महाराज कृष्णदेव राव और समस्त दरबार को लूटने के उद्देश्य से उनके दरबार में आता है । महाराज कृष्णदेव राय की दो पत्नी थीं ।
दूर देश से आए व्यापारी अपने साथ बड़े-बड़े ख़ाली संदूक लेकर आता है जिसमें महिलाओं के कपड़े तथा गहने रखे हुए हैं ऐसा सब को बताता हैं ।व्यापारी महाराज के सामने खड़ा होता है और कहता है महाराज यह गहने और कपड़े आपके राज्य में तो क्या पूरे भारत भर में ऐसे गहने और कपड़े आपने पहले कभी नहीं देखें होगें । Hindi story of tenali rama
व्यापारी की चालाकी
महाराज की दोनों पत्नियां दरबार में ही उपस्थित थीं जैसे ही वह यह सुनती है वह गहनों और कपड़े ख़रीदने के लिए तत्पर हो जाती हैं । व्यापारी कहता है महाराज यह गहनें और कपड़े देखने से पहले आप को मेरी कुछ बातें ध्यान से ज़रूर सुन लीजियेगा । इन कपड़ों की कुछ ख़ास विशेषता है यह कपड़े और गहनें सब को दिखाइए नहीं देते ।
आप पड़ रहें हैं Hindi story of tenali rama । जो व्यक्ति अपनी पत्नियों से सच्चा प्रेम करता है उसी व्यक्ति को यह कपड़े और गहनें दिखते है ।जो व्यक्ति भगवान की पूजा करता है ,सच्ची निष्ठा रखता है और कभी झूठ नहीं बोलता और जो स्त्री अपने पति की दिन रात सेवा करती है न उसे कुछ छुपाती है और न ही कभी किसी के बारे में बुरा भला कहती है । यह गहनें तथा कपड़े सिर्फ़ उसी को देखते हैं । यह इन कपड़ों की ख़ास बात है ।
महाराज के साथ सारा दरवार यह सुनकर चौक जाता है । व्यापारी अब अपने बक्से से एक साड़ी निकालता है और बोलता है देखो महाराज इतनी सुंदर साड़ी आज तक आपने नहीं देखी होगी ।
दोस्तो यह है best Hindi story of tenali rama । महाराज को कुछ नहीं दिखता महाराज सोचते हैं कहीं ऐसा तो नहीं मैं अपनी पत्नी से कम प्रेम करता हूँ ।मेरे मन में छल कपट हो इसलिए मुझे यह नहीं दिख रही है ,पर दरबार मैं अगर यह कह दूँ कि मुझे साड़ी नहीं दिख रही है तो मैं झूठा और अपनी पत्नी से प्रेम न करने वाला कहलाऊँगा ।
यह सोच कर महाराज शांत रहते हैं । तभी व्यापारी महारानी की ओर हाथ करके बोलता है देखो रानी यह साड़ी कितनी प्यारी हैं क्या आपने कभी ऐसी साड़ी देखी है ।तेनाली रामा की कहानी Hindi story of tenali rama । रानी को भी कुछ नहीं दिख रहा होता है पर रानी इसी डर से कि मैं कभी-कभी पीठ पीछे राजा की बुराई कर लेती हूँ या अपनी दूसरी रानी की बुराई कर लेती हूँ ।
रानी जल्दी से बोलती है -हाँ, मुझे यह साड़ी दिख रही है। देखो तो इसमें बने यह मोर कितने अच्छे लग रहे हैं । व्यापारी रानी की हाँ में हाँ मिलाता है और कहता है वाह आपको मोर दिख गए मतलब आप अपने पति सत्य प्रेम करती है और न ही किसी की कभी बुराई करती है । Hindi story of tenali rama
यह सुनते ही दूसरी रानी भी झट से कह देती है की देखो यह लाल-हरे रंग के मोर कितने अच्छे लग रहे हैं । महाराजा कृष्णदेव राय दोनों रानियों की बात सुनकर चौंक जाते है । वैसे तो दरबार में किसी को भी वह साड़ी और गहनें नहीं दिख रहे थे ।
पर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि राजा से बोल सके या दरबार में बोल सके कि मुझे यह साड़ी और गहनें नहीं दिख रहें है । क्योंकि व्यापारी के हाथ मैं कुछ था ही नहीं । वह तो बस सब को लूटने आया था। यह नज़ारा देखकर तेनालीरामा सब समझ गया और बोला महाराज हमको इतनी सुंदर साड़ी और गहने ऐसे ही नहीं जाने देना चाहिए ।
आप पढ़ रहें Hindi story of tenali rama । अगर इतनी क़ीमती वस्तुएँ हमारे हाथ से किसी और राज्य में चली जाती है तो यह अच्छा नहीं होगा। महाराज को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, महाराज बोले तो क्या बोले , महाराज ने कहा ठीक है तेनाली जैसा तुम ठीक लगे वैसा करो ।
व्यापारी ने बोला मेरे पास सारे दरबार के हिसाब से साड़ी और गहने हैं । आप लोग सब एक एक साड़ी लेलो। आप की पत्नी ख़ुस हो जाएगी । मैं सबको साड़ी और गहने दे दूगा और महाराज के लिए एक संदूक अलग से लेकर आया हूँ । यह है Hindi story of tenali rama ।
जिसमें सबसे सुंदर साड़ी और गहनें हैं । तेनालीरामा ने कहा ठीक है तो अलग अलग सबसे पैसे लोगे उसमें काफ़ी समय बर्बाद होगा मैं एक साथ सारे पैसे का इंतज़ाम कर देता हूँ ताकि तुम्हें भी आसानी हो । व्यापारी ने हा में हा मिला दी ।
तेनाली रामा की चालाकी
तेनालीरामा अपनी सूझ-बूझ से महामंत्री से एक ख़ाली संदूक मंगवाया और खोलकर व्यापारी के सामने रख दिया।
Hindi story of tenali rama – तेनालीराम ने कहा यह विजय नगर के विशेष सोने के मुहर है । ऐसे सोने की मोहरें आपने कभी अपने जीवन में नहीं देखी होंगी । यह मुहर केवल विजय नगर में ही बनती है और यह याद रहे इन मुहरों की कुछ विशेषता है । जो मैं आपको बता देता हूँ ।
तेनाली बोला यह मुहर केवल उस व्यापारी को दिखती है जो सच्चे और ईमानदार होते हैं ,जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में कभी ग़लत तरीक़े से पैसा नहीं कमाया होता है ।यह मुहरें केवल उन्हीं को दिखती है ।
व्यापारी ने बॉक्स के पास जाकर देखा और वह चौंक गया । उसने देखा संदूक तो ख़ाली है वह ज़ोर से बोला अरे यह संदूक तो पूरा ख़ाली है ।Hindi story of tenali rama
तेनाली रामा बोला अरे नहीं तुम ठीक से देखो संदूक तो सोने की मुहरों से भरा हुआ है । ग़ुस्से में व्यापारी ने फिर कहा तुम मुझे मूर्ख बना रहे हो, इसमें कुछ भी नहीं है ।मुझे लगता है तुम सच्चे व्यापारी नहीं हो ।
तुमने लोगों को ठगा है । इसलिए यह मुहर तुम्हें दिखाई नहीं दे रही है । व्यापारी तेनाली से बोला तुम क्या कह रहे हो जब इसमें कुछ होगा तब तो दिखाई देगा । आप को लेकर आये है Hindi story of tenali rama ।
तू मेरी चाल मुझ पर ही आज़मा रहे हो ।तेनाली ने कहा कौन सी चाल ? कौन सी चाल । मेरी चाल । अरे यही चाल कि मैं बिना कपड़े और गहनें तुम लोगों को ठगने आ गया । व्यापारी के मुँह से यह निकलते ही महाराजा तेनाली की सारी चाल समझ गये ।
राजा यह भी समझ गए कि यह सब प्रपंच तेनाली ने इस लुटेरे व्यापारी को पकड़वाने के लिए किया है । राजा ने आदेश दिया कि इस व्यापारी को आजीवन कारावास में रखा जाए और तेनाली रामा को पुरस्कार दिया जाए । Hindi story of tenali rama
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