दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मजेदार स्टोरी इन हिंदी। आपको हमारी कहानी पढ़कर बहुत मजा आने वाला है। पहले बचपन में हम सब ने बहुत छोटे-छोटे और मजेदार किस्से सुने हैं ,पर आजकल नई जनरेशन में किस्से कहानी सुनने का सिलसिला कम हो गया और मोबाइल में वीडियो देखना बढ़ गया है। मजेदार स्टोरी इन हिंदी आपको कैसी लगती है आप हमें कमेंट में जरूर बताएं। धन्यवाद।
राजा का फरमान – मजेदार स्टोरी इन हिंदी
एक बार दरबार में इस बात पर बहस हो जाती है कि अगर कोई बदतमीज और मूर्ख आदमी आपके सामने आ जाए और ,बिना मतलब के सवाल करे तो उसके साथ क्या करना चाहिए ?
पूरे राज्य में इसी बात के चर्चे हो रहे थे। राजा ने अपने दरबार में चारों ओर यह बात फैला दी जो इसका सही उत्तर देगा उसको सोने के सिक्के दिए जाएंगे और जो गलत उत्तर देगा उसको जेल में फेंक दिया जाएगा?
दूर-दूर से लोग इसका जवाब देने आए और राजा को जब जवाब पसंद नहीं आए तो उनको जेल में फेक दिया जाता। बहुत दिन हो गए राजा को इस बात का उत्तर नहीं मिला।
तभी एक गरीब ब्राह्मण दरबार पहुंचा और चुपचाप खड़ा हो गया। राजा ने प्रश्न पूछा। वह कुछ नहीं बोला, राजा ने फिर प्रश्न दोहराया। पर वह कुछ नहीं बोला। बहुत देर तक जब वह कुछ नहीं बोला तब राजा ने सैनिकों से कहा इसको कुछ नहीं पता इसको भी जेल में फेंक दो।
यह बात सुनकर ब्राह्मण बोला – अरे महाराज मैं तब से आपको आपके सवाल का ही तो जवाब दे रहा था। अगर कोई बदतमीज और मूर्ख आदमी आपके सामने आ जाए तो हमें चुप रहना चाहिए। ना हमें उससे बोलना चाहिए, ना कुछ सुनना चाहिए।
उसकी बात सुनकर पूरे दरबारियों ने जोर-जोर से तालियां बजाना चालू कर दी। राजा को भी गरीब ब्राह्मण का यह उत्तर बहुत पसंद आया ,राजा ने उस ब्राह्मण की झोली सोनी से भरदी।
चमत्कारी बाबा – मजेदार स्टोरी इन हिंदी
एक बार की बात है राजा ने अपनी रानी को बहुत कीमती गहने भेंट किए और इन गहनों में सबसे कीमती की एक अंगूठी। जिसमें एक विशेष प्रकार का हीरा जड़ा हुआ था। जो अब तक किसी ने नहीं देखा था।
रानी को यह अंगूठी सबसे ज्यादा प्रिय थी। रानी के गहनों को देखभाल दस नौकरानी करती थी और उनके अलावा किसी को भी रानी के महल में आने की अनुमति नहीं थी।
एक दिन रानी की वह अंगूठी चोरी हो गई। राजा ने इनाम रखा जो भी वह अंगूठी वापिस लाएगा उसको मुँह मांगा इनाम मिलेगा।
बहुत दिनों तक उस अंगूठी का कुछ पता नहीं चला। एक चमत्कारी बाबा दरवार आए और कहा महाराज मैं कल तक चोर को पकड़ लूंगा। आप मुझे बस इतना बता दो कि महारानी के महल में कौन , कौन जाता था।
चमत्कारी बाबा ने उन दासियों को एक-एक लकड़ी दी और कुछ कहा और चले गए।
अगले दिन बाबा एक दासी को राजा के सामने खड़ा कर देता है और कहता है इसी ने आपकी अंगूठी चुराई है। राजा बाबा से बहुत प्रसन्न होते हैं और उसको मुंह मांगा इनाम देते और पूछते हैं आखिर तुमने ऐसा कैसे किया हमें भी बताओ।
चमत्कारी बाबा कहता है मैंने सबको एक-एक लकड़ी दे दी और कह दिया कि जिसने चोरी की है कल उसकी लकड़ी एक इंच बड़ी हो जाएगी और जिसने अंगूठी की चोरी की थी। वह अपनी लकड़ी को एक इंच छोटी करके ले आया। बस मैंने पकड़ लिया।
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हाथी का अंडा -मजेदार स्टोरी इन हिंदी
दोस्तों यह कहानी गोलू नाम के लड़के की है। गोलू अक्ल का कच्चा और अपने ख्यालों में खोया हुआ रहता है। गांव के बच्चे बच्चे को गोलू की मूर्खता का पता रहता है। एक दिन जब गोलू शहर से गांव की ओर आ रहा होता है ,तभी रास्ते में एक तरबूज बेचने वाला गुजरता है।
गोलू उससे पूछता है यह क्या है ?गोलू की बात सुनकर तरबूज बेचने वाला समझ जाता है कि यह बच्चा कुछ नहीं जानता है। वह मौके का फायदा उठाकर गोलू से कहता है यह हाथी का अंडा है। क्या तुम लेना चाहोगे ?
हां मैं लेना चाहूंगा बताओ कितने में दिया हाथी का अंडा ? तरबूज बेचने वाला उसको एक तरबूज ₹500 में बेच देता है।
गोलू बहुत खुश होकर अपने घर पर आता है और सोचता है जब इसमें से हाथी निकलेगा और वह कुछ सालों में बड़ा हो जाएगा तो मुझे इसके लाखों रुपए मिलेंगे और मेरे घर वाले और गांव वाले मेरी बहुत तारीफ करेंगे और मेरे पास बहुत सारे पैसे आ जाएंगे। जब गोलू राम घर पहुंचता है तब उसके पिता उसकी पिटाई करते हैं और कहते हैं बेटा यह हाथी का अंडा नहीं यह तरबूज है और यह शहर में ₹20 में मिलता है।
इस प्रकार हाथी का अंडा लाने पर गोलू की पिटाई हो जाती है।
चिट्ठी – मजेदार स्टोरी इन हिंदी
दोस्तों एक बार की बात है श्याम और घनश्याम दोनों अच्छे दोस्त रहते हैं। घनश्याम के पिता का तबादला हो जाने के बाद दोनों एक दूसरे को चिट्ठी लिखकर बात किया करते है। उस समय पर ना फोन चलते थे ना ही मोबाइल ,दोनों अपनी शरारत चिट्ठी में लिखते हैं और एक दूसरे को अपने बारे में बताते रहते है।
श्याम बहुत ही होशियार और घनश्याम थोड़ा मूर्ख रहता है। एक बार जब पोस्टमैन की तबीयत खराब हो जाती है तो वह बहुत दिनों तक घनश्याम की चिट्ठी श्याम तक नहीं पहुंचा पाती है।
घनश्याम बहुत सोचता है और फिर खुद पोस्टमैन बनकर अपनी चिट्ठी लेकर श्याम के घर पहुंच जाता है और उसके पापा को अपनी चिट्ठी देकर वापस आ जाता है।
जब श्याम को पता चलता है की घनश्याम आया था तो वह चिट्ठी में लिखता है जब तुम यहां आए थे तो मुझसे मिलकर क्यों नहीं गए ।
इस बात का जवाब देते हुए घनश्याम लिखाता है अरे पागल मैं तो डाकिया बनके आया था और मैं तुझ से कैसे मिल सकता था मैं तो डाकिया था ना।
श्याम उसकी इस मूर्खता पर बहुत हंसता है और चिट्ठी में लिखता है चलो अच्छा है जब तुम घनश्याम बनकर यहां आओगे तब मुझसे मिलकर ही जाना।
दोस्तों आप को मजेदार कहानी इन हिंदी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएँ। धन्यवाद
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