Hindi Motivational Stories – Bacche Ki Kabiliyat

नमस्कार दोस्तों यह कहानी है दीपक नाम के लड़के की जो की जयपुर का रहने वाला था । उसकी माता का नाम सीता बाई ,पिता का नाम प्यारेलाल था ।

hindi motivational stories – दीपक के घर का हाल

दीपक 10 क्लास का छात्र था, वह अपनी उम्र से बहुत समझदार था ।दीपक एक ग़रीब परिवार का लड़का था ! उसकी माँ दूसरों के घरों में बर्तन तथा झाड़ू पोछा करती थी। उसके पिता दिन भर शराब और जुए में लिप्त रहा करते थे।जो भी पैसा दीपक की माँ कमा कर लाती थी उसके पिता सारा जुआ मैं उड़ा देते थे, कभी कभी दीपक की माँ को मारते भी थे ।दीपक पढ़ने लिखने में बहुत होशियार था, घर की स्थिति को देखकर दीपक को हमेशा दुख होता था, वह अपने घर की स्थिति सुधारना चाहता था।पर पिता के सामने उसकी एक नहीं चल पाती थी , उसने कई बार अपने पिता को समझाने की कोशिश की पर ग़ुस्से के कारण उसके पिता ने उसको भी कई बार मारा। दीपक सुबह जल्दी स्कूल के लिए निकल जाता था और स्कूल से आने के बाद अपनी माँ के काम में हाथ बटाता ओर जब सारा काम हो जाता उसके बाद जाकर पढ़ाई करता था। hindi motivational stories

दीपक एक बच्चा था, पर उसमे बड़ों जैसी समझदारी थी , दीपक पढ़ाई के बाद हमेशा सोचा करता था कि वह अपने घर की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधारे । अपने घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उसने बहुत कोशिश भी की, वह रविवार के दिन जाकर कम दाम में एक साथ पेन ख़रीदता था और उनको एक एक करके बेचने की कोशिश करता था। बच्चों के खिलौने दुकान से लेकर उनको घर-घर घूम कर बेचता था । बहुत कोशिश के बाद भी दीपक अपने घर की मदद नहीं कर पाता था क्योंकि दीपक पढ़ाई छोड़ नहीं सकता था ,और स्कूल की वजह से उसको ज़्यादा समय मिल नहीं पाता था । दीपक पढ़ाई में बहुत अच्छा था। हमेशा क्लास में अच्छे नंबर लाता था ।दीपक की माँ का सपना था कि वह अपने बेटे को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाएगी । दीपक भी मन लगाकर पढ़ाई करता था। दीपक ने घर कि आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए काम करने का फ़ैसला किया । उसने बहुत सी जगह जाकर नौकरी माँगी, लेकिन स्कूल के बाद वक़्त बहुत कम मिल पाता था और इतने कम समय के लिए उसे कोई काम मिलना मुश्किल था । दीपक काम ढूँढ- ढूँढकर परेशान हो गया था । hindi motivational stories

hindi motivational stories – मेहनत

दीपक को कहीं कोई काम नहीं मिल रहा था फिर एक दिन दीपक शहर की चौ-पाटी पर गया। जहाँ पर उसने देखा की दोपहर तीन बजे से फूलकी ,पाव भाजी और बहुत सी चीज़ों के ठेले लगते थे । दीपक ने सोचा कि स्कूल से आने के बाद मुझे यहाँ काम मिल सकता है । दीपक ने एक-एक करके वहाँ पर सभी दुकानदारों से अपने लिए काम माँगा सभी ने लगभग उसको मना कर दिया था, पर एक चाय की दुकान पर उसको काम मिल गया ।

नया काम

दीपक ने पैसे की बात की तो दुकान के मालिक रामलाल ने दीपक से कहा चाय की दुकान में बहुत ज़्यादा मुनाफ़ा नहीं हो पाता है और तुम मुझे दिन में सिर्फ़ दो-तीन घंटे का समय दे सकते हो तो उस हिसाब से मैं तुमको 50 रुपया प्रतिदिन का दूँगा । दीपक ने कहा यह तो बहुत कम है आप मुझे कम से कम 2 हज़ार रुपये महीना दीजिये । रामलाल ने कहा अभी शुरू में 50 रुपये ही दूँगा, तुम एक दो महीने काम करो फिर तुम्हारे पैसे बढ़ाने की बात होगी । दीपक ने भी जल्दी से हामी भर दी, अब दीपक सुबह पढ़ने जाता स्कूल से आकर वह दुकान पर चला जाता, और रात को घर जाकर पढ़ाई करता । इसी तरह दीपक ख़ूब मन लगाकर पढ़ाई ओर दुकान पर काम करता । धीरे-धीरे दीपक ने अच्छी चाय बनाना सीख लिया और दीपक की चाय लोगों को बहुत पसंद आने लगी ओर दुकान की बिक्री बढ़ गई ।रामलाल को भी मुनाफ़ा होने लगा ।चौ-पाटी पर आए लोग दीपक की चाय का इंतज़ार करने लगे । देखते ही देखते कब एक महीना बीत गया है पता नहीं चला आज दीपक की पगार का दिन था ,दीपक बहुत ही ख़ुश था और घर जाकर उसने अपनी माँ को चाय की दुकान पर नौकरी की बात बतायी ।माँ ने बहुत ग़ुस्सा किया और दीपक से बोला कि तुम यह काम छोड़ दो , दीपक को बहुत बुरा लगा । उसने ने बोला आप इतनी मेहनत करती हो ,परेशान होती हो, तब जाकर कहीं घर बड़ी मुश्किल से चल पाता है । क्या मैं आपकी मदद नहीं कर सकता ? hindi motivational stories

माँ उसके मासूम सवाल से सोच में पड़ गयी फिर भी माँ ने कहा इस बार तुम्हारी दसवीं है तुम्हें मन लगाकर पढ़ना चाहिए। इस बार तुम्हारे नंबर कम नहीं आनी चाहिए । दीपक ने कहा माँ में हर हाल में मन लगाकर पढ़ाई करूँगा और अच्छे नंबर लाऊंगा, आप मेरी पढ़ाई की चिंता बिलकुल भी मत करो । hindi motivational stories

माँ- मैं कुछ नहीं जानती तुम ये सब बंद करो और पढ़ाई पर करो । दीपक को बहुत बुरा लगा और उसने सोचा कल ही जाकर में रामलाल को काम के लिए मना कर दूँगा। दूसरे दिन जब दीपक स्कूल से रामलाल की दुकान पर जा रहा था तो मन में यही सोच रहा था मैंने क्या ग़लत किया ? मैं तो बस माँ की मदद करना चाहता था। मैं कुछ ग़लत काम तो नहीं कर रहा हूँ ? अपनी मेहनत से पैसे कमा रहा हूँ ? पैसे कमाना ग़लत काम है क्या ? कि मेहनत करना ग़लत है ? यही सब सवाल सोचते हुए दीपक चौ-पाटी पहुँच गया । दीपक ने सोचा मैं अभी मना कर देता हूँ लेकिन काम बढ़ गया था तो दीपक से मना नहीं किया गया । दीपक ने सोचा जब जाने का टाइम होगा तब मैं मालिक से बोल दूँगा कि मैं कल से नहीं आ पाऊँगा दीपक मना करने ही वाला था की रामलाल को कुछ काम आ गया और वह दुकान से जल्दी घर चला गया । दीपक ने सोचा ठीक है मैं कल मना कर दूँगा । hindi motivational stories

बुरा वक़्त

दीपक जैसे घर आया तो उसने देखा माँ घर में नहीं थी, दीपक बहुत परेशान हो गया ओर इधर- उधर ढूढ़ने लगा ।पड़ोसियों से पता चला आज माँ काम से लौटी ही नहीं ,दीपक को बेचैनी होने लगी।जब माँ नहीं मिली तो दीपक अपने पिता के ठिकाने पर उनको ढूंढने लगा। दीपक को पिता के दोस्त से पता लगा कि माँ अस्पताल में है । दीपक अस्पताल पहुँचा। तो देखा कि उसकी माँ का एक्सीडेंट हुआ है ओर हाथ में चोट आयी है । क्या हुआ माँ ? माँ बोली – आज घर लौटते समय कार से मेरा एक्सीडेंट हो गया । माँ बहुत दुखी थी उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था । अब घर का गुज़ारा कैसे चलेगा ? दीपक ने मन में सोचा अच्छा हुआ मैंने काम के लिए मना नहीं किया । hindi motivational stories

hindi motivational stories – मुसीबत का वक़्त है अब तो मुझे काम करना ही होगा ।

दीपक माँ से बोला अभी कुछ भी हो अब मैं कुछ दिन काम नहीं छोड़ूंगा, आपके हाथ में चोट लगी है आपको में काम करने नहीं दूँगा । मैं पढ़ भी लूंगा , आपकी मदद भी कर दूँगा , और काम भी कर लूँगा और माँ ने रोते हुए दीपक को गले लगा लिया । इस बार माँ भी कुछ नहीं बोल पाई, क्योंकि माँ हालात समझ रही थी कि घर को चलाने के लिए, किसी न किसी का काम करना बहुत ज़रूरी है।

दीपक के पिता ने ज़िंदगी भर कुछ नहीं किया, दारू और जुए मैं अपनी पूरी ज़िंदगी बर्बाद कर ली । माँ यही सोच रही थी ये कैसे हो गया, भगवान ने यह दुख की घड़ी हमें क्यों दी ? सब इतना अच्छा चल रहा ओर जैसे-तैसे घर का गुज़ारा हो रहा था । दीपक की पढ़ाई अच्छी चल रही थी और कल ही मैंने उसे काम छोड़ने को कहा था । आज ये कैसे हो गया , चिंता में डूबी हुई माँ के मन में न जाने क्या-क्या ख़याल आ रहे थे ।

रामलाल का लापता हो जाना

hindi motivational stories -दूसरे दिन सुबह जब दीपक स्कूल से लौटकर चौ-पाटी पर गया तो देखा है दुकान में ताला लगा हुआ दीपक को कुछ समझ में नहीं आया । क्यों मेरे मालिक कहा गया है तो पड़ोसी ने बताया यहाँ तो सुबह से ताला है । आज कोई नहीं आया तुमको नहीं मालूम कि रामलाल कहा गया है ? दीपक ने कहा नहीं । मुझे नहीं मालूम, दीपक दो तीन घंटे दुकान के बाहर बैठा रहा लेकिन कोई नहीं आया ।

दीपक के पास मोबाइल नहीं था और अपने मालिक का नंबर भी नहीं था, उनके घर के बारे में कुछ पता नहीं था, दीपक ने सोचा हो सकता कुछ ज़रूरी काम हो या कुछ और बात तो इस वजह से मालिक आज दुकान पर नहीं आ पाए। दीपक शाम को घर गया, माँ को यह बात बतायी माँ ने बोला हो सकता है कुछ ज़रूरी काम हो इसलिए दुकान ना खोली हो । देखते देखते दो तीन दिन हो गए दीपक रोज़ दुकान पर जाता और दुकान पर ताला लगा मिलता, न उसे ख़बर मिल रही थी और न ही पता चल रहा था कि दुकान क्यों बंद है ।

दीपक परेशान हो गया तभी उसे याद आया की रामलाल के एक मित्र की दुकान पास में ही है , दीपक वहाँ गया तो पता चला कि रामलाल की माँ जो की गाँव में हैं उनका निधन हो गया था इसलिए अचानक रामलाल को गाँव जाना पड़ा। वहाँ से दीपक को रामलाल का नंबर मिल गया । पर उसने फ़ोन नहीं किया उसने सोचा की ऐसी मुश्किल समय में मैं कॉल कर के दुकान के बारे में पूछूँगा तो अच्छा नहीं लगेगा ।

दीपक सोच में पड़ गया उसने सोचा अभी एक महीने से ज़्यादा दुकान बंद रहेगी ऐसे में घर का गुज़ारा कैसे चलेगा। वह बहुत परेशान हो गया। उसने माँ को भी यह बात बतायी ।माँ और चिंतित हो गई माँ ने दीपक से कहा बेटा ” संसार में ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई समाधान ना हो ” अभी तुम ज़्यादा मत सोचो हम इस बारे में सुबह शांति पूर्ण मन से बात करेगे। कोई न कोई रास्ता ज़रूर निकलेगा। माँ का हाथ भी ठीक होने लगा है ,हो सकता है दो तीन दिन में मैं ही काम पर चली जाऊँ दीपक ज़ोर से चिल्लाया और बोला माँ ये सब तो तुम झूठ बोल रही हो, मुझे दिख रहा है आप के हाथ में कितना दर्द है , माँ ने कहा “ज़िंदगी में जैसा समय आता है वैसा बिताना पड़ता है” तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो, अगर मेरे भाग्य में यही लिखा है यही तो वो मुझे भुगतना ही पड़ेगा । दीपक ने कहा मैं ज़्यादा कुछ नहीं जानता बस में आपको इतना परेशान नहीं देख सकता । hindi motivational stories

hindi motivational stories – नया रास्ता

अगले दिन दीपक वहीं सोचता रहा, पढ़ाई में भी उसका मन नहीं लग रहा था । घर जाते वक़्त दीपक को सुझाव आया क्यों ना मैं चाय को घर पर बनाऊ ओर मार्केट में जा कर बेचू । दीपक उत्साह से जल्दी-जल्दी घर गया ओर माँ को बताया ।माँ ने कहा मन लगा कर किया गया कोई भी काम असफल नहीं होता । दीपक ने माँ के पैर छुए ओर चाय के लिए समान लेने बाज़ार चला गया ।

दीपक ने जैसा सोचा था वैसा ही किया , वह घर पर चाय बनाता और दुकानों और मार्केट में घूम रहे लोगों को चाय बेचता । दीपक की चाय लोगों को इतनी अच्छी लगती की कब थर्मस ख़ाली हो जाता, पता ही नहीं चलता ।ये सब करते करते दो- तीन महीने गुज़र गए।

माँ भी ठीक हो गई । माँ ने बोला अब मैं काम पर जा सकती हूँ तुम चाय बेचना बंद कर दो । दीपक ने कहा अभी एग्ज़ाम को बहुत समय है अभी में एक-दो महीने काम कर लूँगा तो आपकी भी मदद हो जाएगी और आपका मन न हो तो, आप अभी काम पर मत जाओ ।hindi motivational stories

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दीपक के मन में अचानक रामलाल का ख़याल आया, दीपक ने सोचा रामलाल से बात की जाए, देखूँ तो आख़िर हुआ क्या है, दो-तीन महीने हो गए रामलाल अभी तक वापस क्यों नहीं आए । दीपक ने फ़ोन किया तो पता चला कि अब रामलाल का शहर में आने का कोई इरादा नहीं है । वह अपनी दुकान को किराये पर देना चाहते हैं । hindi motivational stories दीपक ने सोचा मैं ही यह दुकान किराए पर ले लेता हूँ ।

दीपक ने रामलाल से पाँच हज़ार रुपये महीने में दुकान को किराए पर ले लिया । दीपक ने धीरे-धीरे पूरे मार्केट में अपना नाम बना लिया और अच्छी ख़ासी बिक्री बढ़ गई । दीपक के घर का ख़र्चा अच्छे से चलने लगा ।दीपक की माँ को भी अब अधिक काम नहीं करना पड़ रहा था ।इसके साथ-साथ दीपक पढ़ाई भी मन लगाकर करता गया।

धीरे-धीरे दीपक की चाय फ़ेमस होती गई और पाँच-छः महीने मैं उसने वह दुकान रामलाल से ख़रीद ली । दीपक चार घंटे ही दुकान चलाता बाक़ी समय पढ़ाई करता और धीरे – धीरे उसके सारे सपने पूरे होने लगे । hindi motivational stories

प्रेरणा

hindi motivational stories , बुरे समय में भी इंसान को घबराना नहीं चाहिए बल्कि मन लगाकर मेहनत करनी चाहिए ।रास्ते अपने आप निकल आते हैं। इतनी बुरी परिस्थिति में भी दीपक ने हार नहीं मानी । दीपक मन लगाकर काम करता गया और नये रास्ते खोजता गया। पढ़ाई के साथ साथ दीपक ने अपनी एक चाय की दुकान भी ख़रीद ली । अगर आजकल के बच्चे दीपक की तरह मेहनत और लगन से काम करने लगे तो उनकी सारी समस्या दूर हो जाएगी । hindi motivational stories

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