नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए परियों की कहानी लेकर आए हैं। हम सब ने बचपन में परियों की कहानी जरूर सुनी होगी आज उसी याद को ताजा करने के लिए हम आपके लिए यह पोस्ट लेकर आए हैं। इन कहानियों के सभी पात्र काल्पनिक है और इन कहानियों को हिंदी पोएट्री शार्ट के द्वारा लिखा गया है।
परियों की कहानी – चार परियों का जादू
एक बार की बात है एक गांव में बहुत आलसी और कामचोर लड़का रहा करता था। जिसका नाम दामोदर था। वह दिन भर केवल गप्पे मरता और इधर-उधर घूमता रहता था। उसकी मां इन सब हरकतों से बहुत परेशान थी। एक दिन उसकी मां ने दामोदर को शहर जाकर कुछ काम करने को कहा और यह भी कहा अगर वह अब काम नहीं करेगा तो उसे खाना नहीं मिलेगा।
दामोदर को आज बहुत बुरा लग रहा था और वह मन में यही सोचते हुए चला जा रहा था ,ऐसा थोड़ी होता है काम करो तभी खाना मिलता है क्या ? कुछ करना जरूरी है क्या ? जब हमारे पास इतना खाना है तो हमें काम करने की क्या जरूरत है ?
दिन भर बैठ कर भी तो निकाला जा सकता है। काम तो मूर्ख लोग करते हैं। सब लोग काम थोड़ी करते हैं।
इन्हीं सब ख्यालों में खोए हुए दामोदर शहर की ओर चला जा रहा था। बहुत तेज धूप होने के कारण वह एक पेड़ के नीचे रुक गया और अपनी मां के दिए हुए लड्डू खाने का विचार करने लगा।
दामोदर पेड़ के नीचे बैठे जोर जोर से बोल रहा था – एक खाऊं, दो खाऊं या चारों की चार खा जाऊं। उसी पेड़ के पास एक कुआं था जिसमें चार परियां रहती थी। दामोदर की यह बात सुनकर उनको लगा कि दामोदर परियों को खाने की बात कर रहा है। वह चारों परियां बहुत डर गई और ऊपर आकर दामोदर से कहा तुम किसी को मत खाओ तुमको क्या चाहिए हमें बताओ हम तुमको अवश्य देंगे।
दामोदर ने अपने जीवन की सारी ख्वाहिशें उनके सामने रख दी लेकिन परियों ने सिर्फ चार ख्वाहिशें ही पूरी की।
दामोदर ने पहली ख्वाहिश मांगी की उसके पास बहुत पैसा हो जाए।
दूसरी कि उसे कोई काम ना करना पड़े वह सोचे और काम हो जाए।
उसको जो भी पकवान खाने का मन हो उस दिन वही बने।
गांव में सब उसकी इज्जत करने लगे और जब वह कुछ कहे तो सब ध्यान से सुने।
परियों ने दामोदर की चारों बातें मान ली और दामोदर बहुत अमीर हो गया। अब ना उसको कुछ काम करना पड़ रहा था और जो मन उसका होता था वही खाना उसके घर में बन जाता था।
इस प्रकार दामोदर की पूरी जिंदगी मौज में कट गई और गांव के सारे लोग उसकी बहुत इज्जत करने लगे।
अधिक धन आने की वजह से दामोदर ने भी गांव के लोगों की मदद करना प्रारंभ कर दिया और जब भी कोई मुसीबत में होता उसकी वह मदद करता है। इस वजह से उसकी इज्जत और बढ़ गई।
परियों की कहानी – परी का वरदान
एक बार की बात है एक गरीब किसान हुआ करता था जिसके पास बहुत थोड़ी जमीन थी। महंगाई और फसल खराब होने की वजह से उस पर बहुत सारा कर्जा हो गया। किसान आर्थिक रूप से बहुत परेशान हो गया था। वह अपना कर्ज उतारने के लिए मजदूरी करने लगा।
जब भी उसको मौका मिलता वह शहर जाकर मजदूरी करता ,पैसे बचाता और यह कोशिश करता कि जल्दी से जल्दी उसका कर्ज उतर जाए। लेकिन वक्त उसके साथ नहीं चल रहा था और बहुत मेहनत के बाद भी उसको कोई फल नहीं मिल रहा था।
किसान के पास एक वफादार कुत्ता था जिसको वह हमेशा अपने पास रखता था। जहां भी वह जाता था उसको साथ ले जाता था। एक दिन शहर से मजदूरी करके जब किसान घर पर लौट रहा था तो अचानक रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया।
अपने मालिक को बेहोश होता देख कुत्ते ने बहुत कोशिश की लोगों को बुलाने की ,जैसे ही वह किसी के पास जाकर भोंकता तो लोग दूर भाग जाते। अपने मालिक की हालत देखकर कुत्ता और जोर से भोंकता और लोग उसको पत्थर मारने लगे।
आगे चलकर एक पेड़ के किनारे कुत्ते ने देखा कोई चीज चमक रही है वह दौड़कर वहां गया और भोंक कर यह बताने लगा कि उसका मालिक बेहोश हो गया है। उस पेड़ के पास एक परी बैठी थी जो अंधेरे में चमक रही थी। वह कुत्ते की बात समझ जाती है और तुरंत वहां से छड़ी घूमाती है और उसके मालिक को होश आ जाता है।
परी कुत्ते की वफादारी से खुश होकर कुत्ते को यह वरदान देती है कि वह इंसानों जैसा बोल सके। कुत्ता दौड़ कर अपने मालिक के पास जाता है और उससे पूछता है तुम कैसे हो ? कुत्ते को इंसानों की आवाज में बात करते देख मालिक चौंक जाता है और फिर से बेहोश होने लगता है।
कुत्ता आराम से मालिक को अपनी पूरी बात समझाता है और कहता है यह वरदान मुझे उस परी ने दिया है। मालिक इस बात से बहुत खुश होता है और कुत्ते को घर ले जाता है।
देखते ही देखते वह कुत्ता फेमस हो जाता है और लोग उसको देखने और बात करने के पैसे देने लगते हैं। किसान इसे अपने कर्मों का फल समझता है और कुत्ते की प्रदर्शनी लगाने लगता है। धीरे-धीरे किसान की आर्थिक स्थिति ठीक हो जाती है और वह संपन्न हो जाता है।
किसान यह भी ध्यान देता है कि जैसे जैसे कुत्ते की प्रसिद्धि बढ़ रही है वैसे-वैसे उसकी जान को खतरा भी बढ़ रहा है। अपनी आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद किसान वापस उस पेड़ के पास जाता है और उस परी से निवेदन करता है। कृपया कर आप यह वरदान वापस ले लीजिए। नहीं तो मैं अब इस कुत्ते की रक्षा नहीं कर सकता क्योंकि बहुत सारे लोग इसको चुराने अथवा मानने के लिए घूम रहे हैं।
किसान की ईमानदारी को देखकर परी बहुत खुश होती है और उससे कहती है तुमको कभी भी कोई जरूरत पड़े तो तुम यहां आकर मुझसे कहना। मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगी। मैं कुत्ते को यह वरदान देती हूं कि वह केवल तुमसे बात कर सकेगा और किसी से नहीं और सब को लगेगा कि कुत्ता भौंक रहा है।
इस प्रकार किसान और कुत्ते दोनों की जिंदगी खुशहाली से बीतने लगती है और दोनों एक साथ खुशी खुशी रहने लगते है।
परियों की कहानी पढ़कर हमको बचपन की याद आ जाती है । आपको परियों की कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद
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