दोस्तों आज हम आप के लिए लक्ष्य पर कहानी लेकर आये है। आप को इस कहानी को पढ़ने के बाद जीवन में अपने लक्ष्य प्राप्त करने मैं सहायता होगी। दोस्तों कहानिया एक ऐसा माध्यम है जिन से हमें मुश्किल से मुश्किल शिक्षा आसानी से प्राप्त कर लेते है।
आज आप के लिए हम एक ऐसी कहानी लेकर आये है जिसमे आप पड़ेगे कितनी कठनाइयों के बाद भी नयाक ने अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लिया।
लक्ष्य पर कहानी – कलेक्टर साहब
एक बार की बात है एक पहाड़ों के बीच में एक गांव था जिसमे मुश्किल से 400 लोग रहते थे। उस गांव में एक सरकारी स्कूल था और उस स्कूल का मुआयना करने कलेक्टर साहब आए थे।
स्कूल को अच्छे से देखने के बाद कलेक्टर ने बच्चों एक जगह बुलाया और उन से पूछा कि वह क्या बनना चाहते है और उनको क्या समस्या है ?
स्कूल के बच्चे तो ज्यादा कुछ बोल नहीं पाए पर गांव में आई बड़ी गाडी को देखकर वह बच्चे जो स्कूल से निकल चुके थे वह भी आ गए और उन में से लड़के ने पूछा कलेक्टर कैसे बनते है। इस बात का जवाब जैसे ही पूरा हुआ उस लड़के ने फिर पूछा आप कलेक्टर कैसे बने ?
कलेक्टर साहब ने उस लड़को बताया – वह भी जंगल के गॉव में रहा करते थे। पढ़ने लिखने के बहुत साधन नहीं थे परभी दिन रात पढाई में लगे रहते और लकड़ियों को बेचकर घर का गुजरा करते।
एक दिन हमारे गांव में भी कलेक्टर साहब आए। तभी मैंने अपना लक्ष्य बना लिया था की मे भी एक दिन कलेक्टर बनूंगा।
फिर क्या मन में लक्ष्य को लिए में गांव से निकला , शहर में पढ़ा और काम किया और दिन रात मेहनत की फिर भी मेरा सलेक्शन नहीं हुआ।
मेने हार नहीं मानी दूसरी बार में और मेहनत की और अपनी गलतियों को सुधारा।
जब मुझे लगा इस बार में पक्का सिलेक्ट हो जाऊंगा पर में फिर फेल हो गया। मेरे पिता जो गांव में थे उनकी तबीयत ख़राब रहने लगी और मुझे महीने में एक दो बार गांव भी जाना पड़ता ,पर इस बार में अपनी मेहनत को और बढ़ाया।
मेरे जीवन में जितनी चुनौती बड़ती जाती मैं उतना ही मेहनत करता जाता। मैं एक बार भी अपने लक्ष्य से दूर नहीं गया। में निरंतर पढ़ाई करता और जितना हो सकता था में अपने घरवालों की मदद भी करता।
इस बार मुझे पूरा विश्वास था की में निकल जाऊंगा और हुआ भी ऐसा ही।
इस बार मैने एग्जाम निकाल लिया और मेरी मेहनत यही ख़तम नहीं हुई। इसके बाद दो एग्जाम और निकालने होते है।
पहले एग्जाम के बाद मेरे पिता का देहांत हो गया मैं अंदर से टूट गया पर मैंने अपना संघर्ष कभी नहीं छोड़ा और आज आप लोग देख ही रहे है मैं कलेक्टर बन कर आप के सामने हूँ।
कलेक्टर साहब की आप बीती सुनकर सभी बच्चो में पढ़ाई का जोश भर गया और सब बच्चे कहने लगे हम भी कलेक्टर बनेगे।
शिक्षा – हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है चाहे जो हो जाए हमें अपने लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए। लक्ष्य पाने के लिए हमें बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है। और जितना बढ़ा हमारा लक्ष्य होता है उतनी ही म्हणत हमें करनी पड़ती है।
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लक्ष्य पर कहानी – महान राजा
प्राचीन समय की बात है। एक राज्य में बहुत निपुण राजा रहा करते थे। राज हर कार्य में सबसे आगे थे। राजा के पास धन दौलत के साथ आराम और मन को बहलाने के भी बहुत से साधन थे। पर राजा हमेशा प्रजा की भलाई में लगा रहाता और हमेशा यह सोचता रहता कि राज्य का भला कैसे हो ?
राजा की चर्चा दूसरे राज्यों में भी होती कैसे एक राजा अपनी जनता के लिए काम कर रहा है।
यह बात एक दूर बसे राज्य के राजा तक पहुँचती है और वह अपने साथी को राजा के इस व्यवहार का अध्ययन करने के लिए भेजता है।
राजा दूसरे राज्य से आए उस सिपाही को मेहमान बनाकर उसका बहुत स्वागत और सत्कार करते है। वह सिपाही जब राजा के इतनी मेहनती और परिश्रम करने की वजह नहीं जान पाता तब वह राजा से सीधी बात करता है और अपना उद्देश्य राजा को बताता है।
राजा उस सिपाही से कहते है मैं तुम को इस का जवाब जरूर दूंगा पर इसके लिए तुमको मेरा एक काम करना होगा।
राजा उस सिपाही को एक बर्तन में पानी भरकर देते है और कहते है मेरे राज्य की सबसे भोग विलास वाले साधनों को तुम देखकर आओ पर इस बर्तन में से एक बूँद पानी गिरेगी तो मैं तुम को जान से मर दूँगा।
सिपाही राजा के कहने पर वही करता है जो राजा कहता ही और लौटकर राजा के पास आ जाता है।
राजा उस से पूछते है बताओ तुमको सबसे ज्यादा क्या पसंद आया ? वह सर झुकाकर कहता है महाराज मेरा पूरा ध्यान पानी पर था इसलिए में ज्यादा कुछ देख नहीं पाया आप मुझे छमा करे।
राजा उस सिपाही से कहते है बस ऐसे ही मेरा सारा ध्यान हमेशा मेरी जनता के भले में रहता है इसलिए मुझे भोग विलास का मौका नहीं मिलता।
राजा की महानता को देखकर वह सिपाही राजा को सलाम करता है कहता मैंने आप जैसा महान राजा नहीं देखा। आप का राज्य के लोग धन्य है जिनको आप जैसा राजा मिला।
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है हमे कितने भी बड़े पद पर होकर अपने कर्तव् और लक्ष्य को नहीं भूलना चाहिए।
दोस्तों लक्ष्य पर कहानी लिखने का हमारा उद्देश्य आपको लक्ष्य का महत्व बताना था और जब हम लक्ष्य से भटकते नहीं है और निरंतर मेहनत करते रहते है तब हम अपने लक्ष्य को जरूर पा लेते है चाहे हमारा लक्ष्य कितना भी मुश्किल क्यों न हो।
लक्ष्य पर कहानी आप लोगो को कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं। दोस्तों जीवन में लक्ष्य (Motivational Kahani ) का महत्व आप को लक्ष्य पर कहानी मैं जरूर पढ़ने मिला होगा और आप को अपने लक्ष्य के लिए प्रेरित किया होगा।
हम आपके लिए और अच्छी ,अच्छी पोस्ट लाने के लिए हमेशा कोशिश करते रहे है और आगे भी करते रहेंगे। आपका हमरी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद ।
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