उम्मीद पर कहानी | Umeed Par Kahani in Hindi

दोस्तों आज आप के लिए हम उम्मीद पर कहानी लेकर आए है । उम्मीद वह जज्बा है जो किसी भी मुश्किल और विपत्ति में  से  व्यक्ति को बाहर निकल देता है ।

हमारा वक़्त कितना भी ख़राब हो अगर हम उम्मीद नहीं छोड़ते है तो अंत में जीत हमारी ही होती है । दोस्तों उम्मीद से ही हमें मुश्किल समय में राहत मिलती है और जब तक हम यह मानते रहते है कि सब ठीक हो जाएगा तब तक हम चैन से सो पाते है ।

अगर हमारी उम्मीद ख़त्म हो जाएगी तो जीवन में कुछ रहेगा ही नहीं क्यों की उम्मीद से ही सब है , चाहे कोई छोटी बात हो या कोई बड़ा एग्जाम हम उम्मीद पर ही टिके रहते है ।

 उम्मीद पर कहानी – जंगल 

उम्मीद पर कहानी  Umeed Par Kahani
उम्मीद पर कहानी Umeed Par Kahani

एक बार की बात है जंगल से कुछ दूरी पर एक गाँव था जिसमें एक राहुल नाम का लड़का रहता था । राहुल को भगवान पर बहुत विश्वास था और वह बहुत आशा वादी थी पर उसकी ज़िंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा था ।

वह जंगल से लकड़ियों को काट कर शहर में बेचने जाता जिसमे उसको मुनाफ़ा बहुत कम होता था । पर उसे यह उम्मीद थी एक दिन उसके जीवन की सारी मुश्किल ठीक हो जाएगी ।

राहुल मेहनती बहुत था , वह केवल उम्मीद पर नहीं टिका था । एक बार जब राहुल लकड़ियाँ लेने गया तब वह जंगल का रास्ता भटक गया और बाहर आने की जगह जंगल में ही घूमता रहा ।

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जब बहुत रात हो गई तब राहुल यह समझ गया की अब वह वापिस नहीं लोट पाएगा । उसने खाने का इंतज़ाम तो कर लिया पर पानी का कुछ नहीं हो पाया ।Umeed Par Kahani

राहुल जंगल में लगे फल खाने के बाद पानी कि तलाश में निकल गया । अंधेरे में उसे ठीक से दिखाई भी ना दे रहा था पर राहुल ने हिम्मत नहीं हारी और थोड़ी देर में पास से ही उसे पानी की आवाज़ आने लगी ।

राहुल जैसे ही उस नदी के पास पानी पीने गया उसका पैर फिसल गया और नदी में बह गया ।

राहुल को पानी में बहुत चोटे आई पर वह बहते हुए भी किनारे की तलाश करता रहा और जैसे ही वह बहकर किनारे के पास पहुँचा उसने नदी में पड़ी लकड़ी को पकड़ लिया ।थकान से चकनाचूर राहुल ने अपनी चोट को भी नहीं देखा और वही किनारे पर सो गया ।Umeed Par Kahani

जब सुबह राहुल की नींद खुली तब उसने देखा उसका एक पर टूट गया और इतने घने जंगल में आ गया जहा से उसको आसमान भी नहीं दिखाई दे रहा है। 

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एक तरफ टूटे पैर का दर्द और दूसरी तरफ घर जाने की उम्मीद। राहुल को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसको बस अपनी बेटी की याद आ रही थी जिसको वो बाजार से जलेबी लाने का वादा करके घर से निकला था। 

राहुल ने फिर एक बार हिम्मत दिखाई और टूटे हुए पैर को लड़की से बाँधा और नदी किनारे चलने का फैसला किया। राहुल को चलने में बहुत दर्द हो रहा था पर जान बचाने के लिए और परिवार से वापिस मिलने के लिए उसे हिम्मत करनी थी। 

जंगल के कठिन रास्तों पर टूटे पैर के साथ नदी किनारे जब राहुल बहुत दूर तक पहुंचा तब उसने देखा सामने एक बहुत बड़ा झरना है और आगे कोई रास्ता नहीं है। चलते चलते राहुल को शाम हो गई थी और वह थक भी गया था पर आगे रास्ता बंद होने की वजह से राहुल की उम्मीद टूट रही थी। वह एक घोर निराशा में जा पहुँचा था। राहुल ने अँधेरा पूरा होने से पहले खाने का इंतजाम किया और वही रात गुजारी। Umeed Par Kahani

दूसरे दिन जब राहुल की नींद खुली तब उसने देखा नदी में कुछ चमक रहा है। पास जाकर पता चला नदी में बहुत सारे मोती है। राहुल को मिले मोतियों ने एक बार फिर उसकी टूटी उम्मीद को जगा दिया। राहुल के मन एक ही बात घूम रही थी अगर वह इन मोतियों को लेकर घर पहुंच जाएगा तो वह अपने परिवार को एक बेहतर जिंदगी दे पायेगा। 

राहुल ने लकडियों की एक नाव बनाई और नदी के किनारे नीचे की और जाने का फैसला किया। ऐसा करके राहुल अपने गांव से तो दूर जा रहा था पर उसे यह यकीन था की वह जंगल पार करके किसी गांव पहुंच जाएं फिर वह से दवा करवा के घर पहुंच जायेगा।Umeed Par Kahani

       

नदी के तेज़ बहाव से राहुल की नाव तो टूट गई पर राहुल नाव की लकड़ी के सहारे पास के गॉव जरूर पहुंच गया। 

राहुल ने उसी गॉंव में अपना इलाज करवाया और अपने गांव के लिए तांगे से निकल गया। जैसे ही राहुल घर पंहुचा उसकी लड़की ने दौड़कर उसको गले से लगाया और जोर जोर से रोनी लगी।

राहुल की लड़की दो दिन से उसके लिए रो रही थी और उसकी माँ उसे यह कहकर समझा रही थी उसके पापा को बड़ा काम मिल गया होगा इसलिए वक़्त लग रहा है। उम्मीद पर कहानी

पर गांव वालों को जो संदेह था वह कही न कही राहुल की पत्नी के मन में भी आता कहीं राहुल को किसी जानवर ने तो नहीं खा लिया , और न जाने क्या -क्या ? उम्मीद पर कहानी है

पर एक उम्मीद ही थी जो राहुल को जंगल से बाहर निकाल लाई और उसकी बेटी का सहारा बनी। इस घटना ने राहुल कि जिंदगी पूरी तरह से बदल दी। उसको वह सब मिला जिसका वह हक़ दार था। 

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें मुश्किल घड़ी में अपना संयम और उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिये। जब भी हामारे जीवन में मुसीबत आती तो वह साथ में हमारा अच्छा वक़्त भी लेकर आती है। अगर राहुल के जीवन में यह मुसीबत नहीं आती तो वह कभी इतना बड़ा आदमी नहीं बनता और अगर वह मुसीबत में हिम्मत और उम्मीद हार जाता तो जंगल से ही नहीं निकल पाता।   

 दोस्तों आपको  जंगल कहानी कैसी लगी जो एक उम्मीद पर कहानी है। आप ने पढ़ा होगा कैसे उम्मीद ने राहुल को हिम्मत दी और वापिस जंगल से घर आने में मदद की।  आप अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताएँ। 

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