दोस्तों आज आप के लिए शेर और लोमड़ी की मजेदार कहानियां लेकर आए है। हम सब ने जंगल के जानवर की कहनी बच्पन मैं पढ़ी है। इन कहानियों में मनोरंजन के साथ साथ हमें बहुत कुछ सीखने भी मिलता है।
जानवरों की कहानियों में शेर और लोमड़ी की मजेदार कहानियां सबको सबेस ज्यादा पसंद होती है और आपको भी जानवरो की कहानियां पसंद है तो आप को यह पोस्ट बहुत पसंद आने वाली है।
दोस्तों वह कहानियां सबसे अच्छी होती है जिनमे हमें मजा के साथ नैतिक ज्ञान प्राप्त होता है। कहानियों में हमारे भाव और पहचान के साथ एक सांस्कृतिक जुड़ाव भी रहता है।
शेर और लोमड़ी की मजेदार कहानियां – एकता
एक बूढ़ा शेर जिसको बहुत दिनों से कुछ खाने को नहीं मिला था। उसने शिकार की बहुत कोशिश की पर वह शिकार नहीं कर पाया। वह अपनी गुफा के बहार हताश और निराश बैठा था तभी वहा से एक लोमड़ी निकली और उसने शेर से पूछा क्या हुआ तुम इतने उदास क्यों हो ?
शेर ने अपनी सारी बात लोमड़ी को बताई , शेर की बात सुनकर लोमड़ी ने शेर को सुझाव दिया और कहा -तुम अपने सारे दोस्तों के साथ मिलकर शिकार करो और फिर बाद में अपने शिकार को बाट लेना।
शेर ने ठीक ऐसा ही किया उसने सारे अपने दोस्तों को शिकार के लिए बुलाया और अपनी पूरी योजना बताई। सभी लोग शेर की बात से सहमत हुए और सब ने मिलकर शिकार किया।
देखते ही देखते ,शेर को रोज शिकार मिलने लगे और उन सभी जानवर को खाने मिलने लगा जो शिकार में समर्थ नहीं थे।
शिक्षा – हमको इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है की जो काम हम अकेले नहीं कर सकते उस काम को एक साथ मिलाकर करना चाहिए , हमें सफलता जरूर मिलेगी। एकता में बहुत शक्ति होती है।
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शेर और लोमड़ी की मजेदार कहानियां – कमजोर
शेर जंगल का राजा था। बहुत दिनों से उसने अपनी ताकत का नमूना किसी जानवर को नहीं दिखाया था।
शेर के शांत व्यवहार से जंगल में यह बात होने लगी की अब शेर में ताकत नहीं बची है और वह राजा बनने के लायक नहीं है।
सभी लोगों को ऐसा लगने लगा पर किसी में शेर से यह बात कहने की हिम्मत नहीं थी। पर शेर को भी इस बात का अंदाजा था की लोग अब उसके पीठ पीछे बाते करने लगे है। तभी लोमड़ी ने एक सभा बुलाई और कहा अब हमारा कमजोर हो गया है अब हमें नए राजा की तलाश करनी चाहिए। शेर की कहानियां
पहले तो किसी ने बोलने की हिम्मत नहीं की पर बाद में सब खुल कर बोलने लगे और अंत में वही बात आई की शेर से कहेगा कौन ?
लोमड़ी ने कहा कल में शेर को अपने साथ शेर पर ले जाऊंगा और वह पर बाघ जो जंगल में सब से ताकतवर है उस से शेर की लड़ाई करवा दूंगा और इस तरह से हमें नया राजा भी जाएगा।
सबभी जानवर इस बात पर सहमत हो गए और जब भेड़ियों को पता चला की पास के जंगल का राजा कामजोर है सभी लोग उसको हटा देना चाहते है तो इस मोके का फायदा उठा कर भेड़ियों ने जंगल पर हमला कर दिया।
अपने जंगल पर हमला होते देख शेर ने पूरी ताकत और समझदारी से भेड़ियों से लड़ाई की और शेर जीत गया। शेर की ताकत और समझदारी देख सबको अपनी गलती का अहसास हुआ और सब ने अपनी गलती की माफ़ी शेर से मांगी।
शेर ने सबको माफ़ कर दिया और कहा अगर किसी के मन में कोई येशी बात आती यही वह सीधा मुझ से आके कहे में हमेशा सबकी बात सुनने को त्यार हूँ।
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की किसी शांत और दयालु व्यक्ति को हमें कमजोर नहीं समझना चाहिए और कोई भी राजा सिर्फ ताकत से राजा नहीं बन सकता उसके लिए संयम ,समझदारी और साहस जैसे उनके गुणों की आवश्यकता होती है।
शेर और लोमड़ी की मजेदार कहानियां – चालक लोमड़ी
एक बार एक लोमड़ी भटकते हुए शेर की गुफा के पास आ जाती है । शेर लोमड़ी की गंध सूंघ कर बहुत खुश हो जाता है क्योंकि शेर दो तीन दिन से भूखा रहता है और उसको खाने के लिए कुछ नहीं मिलता है ।
शेर जोर से दहाड़ लगा कर लोमड़ी के सामने आ जाता है, लोमड़ी शेर की आवाज सुनकर दर जाती है और उस से अपने प्राणों की भीख मैने लगती है ।
शेर को वह बहुत चिकनी चुपड़ी बाते देती है पर शहर एक भी बात मानने को राजी नहीं होता है । फिर लोमड़ी शेर से कहती है अगर वह उसको आज छोड़ देगा तो वह रोज एक शिकार उसकी गुफा के तरफ भेज देगी जिसे उसे शिकार करने में आसानी होगी ।
शेर को लोमड़ी की यह बात अच्छी लगती है और लोमड़ी से कहता अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो में तुम्हें खा जाएगा । जिस दिन भी मेरे पास शिकार नहीं आया मैं तुम्हें खा जाऊंगा ।
लोमड़ी बहुत चालाक रहती है वह समझ जाती है शेर कमजोर है तभी वह शिकार करने बाहर नहीं जाता है और गुफा में पड़ा रहता है ।
वह अपनी जान के बदले शेर को और लुभावने सपने दिखाती है और लालच में आकर शेर लोमड़ी को जाने देता है ।
दूसरे दिन शेर लोमड़ी का इंतजार करता रहता है पर लोमड़ी तो जंगल छोड़ कर चली जाती और कहती है जान बची को फिर कही और रह लूंगी । इस प्रकार लालच में आकर शेर मूर्ख बन जाता है और अपना शिकार छोड़ देता है ।
शिक्षा – हमे लालच में आकर अपने हाथ में आए हुए काम को नहीं छोड़ना चाहिए। शेर ने लालच में आकर अपना शिकार छोड़ दिया और लोमड़ी के चिकनी चुपड़ी बातों में आ गया ।
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शेर और लोमड़ी की कहानियां – चालाक शेर
एक बार शेर ने शिकार करने के लिए तरकीब लगाई और उसने गुफ़ा के बाहर लिख दिया की इस गुफा में बहुत सारी बकरिया फस गई है कोई उनकी मदद कर निकलने में ।
जब भी कोई जानवर वहा से निकलता तो उसको लगता आज बकरी खाने के मिलेगी कर सीधा गुफा में घुस जाता और शेर उसका शिकार कर लेता ।
शेर के रोज कोई न कोई शिकार मिलने लगा । एक बार एक लोमड़ी वहा गुजरी और उसने जब वह पड़ा तो उसने सोचा अगर बकरी अंदर फस गई है तो यह लिख किस ने और इस गुफा में बहुत से जानवरों के जाने के निशान तो है पर आने का कोई निशान नहीं दिख रहा ।
लोमड़ी ने गुफा के बाहर ही इंतजार करने का सोचा और वह गुफा के बाहर बैठ गई ।
शेर को गुफा के अंदर लोमड़ी की गंद तो आ रही थी पर लोमड़ी को अंदर न आते हुए देख शेर खुद गुफा के बाहर आ जाता है ।
लोमड़ी एक पल में सारा माजरा समझ जाती है और वह से भाग लेती है और जंगल में सभी जानवरों को शेर की इस हरकत के बारे में अवगत कराती है ।
इस प्रकार चालक लोमड़ी अपनी जान के साथ साथ बहुत से जानवरो को भी जान बचा लेती है ।
शिक्षा – इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की किसी बात के लिखने रहने से बस हमे उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि आसपास के माहोल को समझा भी चाहिए ।
शेर और लोमड़ी की कहानियां – दूसरे की नक़ल
एक बार की बात है शेर को बड़े बड़े जानवरो के शिकार करता देख लोमड़ी को बड़ी जलन होती थी। वह हमेशा सोचती थी कि वह भी बड़े शिकार करेगी और एक बार के शिकार में कई दिन तक खाना खायेगी।
उसने यह बात शेर से भी कहीं शेर ने लोमड़ी को समझया की वह अपने समर्थ के हिसाब से ही शिकार करे और जायदा बड़े शिकार के बारे में सोचना छोड़ दे।
लोमड़ी को लगा शेर उस से जलने लगा है इसलिए वह उसे बड़े शिकार करने के लिए मन कर रहा है। अब रोज लोमड़ी शेर को शिकार करते छुप छुप कर देखती और शिकार करना सीखती।
लोमड़ी जिस से भी बड़े शिकार करने की बात करती सब उसको यही समझते की अपने हिसाब से ही शिकार करे। इस बात से लोमड़ी और चिढ़ जाती।
एक दिन लोमड़ी ने शेर की तरह भैसों का शिकार करने की योजना बनाई। लोमड़ी को उसके दोस्तों ने यह करने के लिए बहुत मना किया पर उसने एक न सुनी और शिकार को चली गई।
जैसे लोमड़ी भैंस के पास गई तो भैंस ने उसको एक जोर दार लात मर दी और लोमड़ी बेहोश हो कर गिर गई। बहुत देर बाद जब लोमड़ी को होश आया तब उसने देखा उसके दोस्त उसको वापिस लाये है और उसकी जान भी बचाई।
अब लोमड़ी को समझ में आया की सब लोग उसको यह सलाह क्यों दे रहे थे। लोमड़ी ने अपनि गलती मानी और सब से माफ़ी भी मांगी और फिर अपने हिसाब से शिकार करने लगी।
शिक्षा – हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है की हमें सब की बात सुननी चाहिए और साथ में हमें अपने सामर्थ का भी पूरा ज्ञान होना चाहिए। हमें किसी की नक़ल करने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
दोस्तों शेर की कहानियां हम सब को बहुत पसंद रहती है क्योकि हम भी कही न कही खुद को या अपने बच्चों को शेर जैसा बनना चाहते है। इसलिए हम सब शेर की कहानियों से शिक्षा लेते रहते है।
पहली कहानी से हमें एकता की शिक्षा मिलती है और अन्य कहानियों से हमें अलग अलग शिक्षा मिलती है जिसको हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए।
दोस्तों आप को शेर की कहानियां कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद
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