दोस्तों Hindi poetry on River में आप के लिये हिन्द में श्रेष्ठ कविता लेकर आये है । आप Hindi Poetry on River पढ़ कर हमे फीडबैक ज़रूर भेजें । आप के फीडबैक से हम और बेहतर कविता आप के लिए लिखनें को प्रेरेतित होंगे । धन्यवाद
Hindi Poetry on River – नदी पर कविता
पर्वत से निकला करती नदियां
सागर में मिल जाती है ।
न थकती ,न रुकती
निरंतर ही बहती जाती है ।
खुद भी रहती साफ हमेशा
सबको यह नहलाती है ।
संघ अपने कितने खनिज
पानी में लेकर बहती है ।
कहीं रूद्र रूप कहीं शीतल बनकर
सब की प्यास बुझती है ।
जंगल ,झरने ,मैदान से लेकर
पर्वतों पर भी चढ़ जाती है ।
मछली ,कछुआ ,तीतर से लेकर
मगरमच्छ का भी घर बन जाती है।
जहां जहां से गुजरती है नदिया
किसानों की उन्नति बढ़ती जाती है ।
बच्चों को यह तैरना सिखाती
जानवरों की प्यास बुझाती है।
कहीं कंकड़, कहीं मिट्टी,
कहीं रेत बहा कर लाती है।
कहीं धरती को सोना करती
कहीं धरती बाहर ले जाती है ।
पर्वतों से निकला करती नदिया
सागर में मिल जाती है ।
Hindi Poetry On River- नदी पूछे लोगों से
नदिया पूछे लोगों से
क्यों मुझ में गंदगी मिलाते हो ।
प्लास्टिक पन्नी और कचरा
क्यों मुझ में फेंके जाते हो ।
मेरे अंदर के जीव जंतुओं की
क्यों तुम मुसीबत बढ़ाते हो ।
कछुआ मछली मगरमच्छ भी
प्लास्टिक नहीं पचा पाते।
नदिया पूछे लोगों से
क्यों तुम मुझ में गंदगी मिलाते हो।
मैं तो देती अमृत सा पानी
तुम क्यों मुझे मेला करते हो।
कारखानों का गंदा कचरा
क्यों मुझ में छोड़ते जाते हो ।
बड़े-बड़े शहरों के नाले
मुझ में ही मिलाते हो ।
मेरे निर्मल जल में तुम
गंदगी क्यों भरते जाते हो।
कहीं फूल, कहीं राख, कहीं हड्डियां
ना जाने क्या-क्या फेंका करते हो
नदिया पूछे लोगों से
क्यों तुम मुझ में गंदगी मिलाते हो
मैं तो मिली वरदान सा तुमको
निरंतर सबका भला करती हूं ।
फिर तुम क्यों ऐसा करते हो
प्रकृति का संतुलन बना है मुझसे।
क्यों मुझे मेला करते हो
नदिया पूछे लोगों से ।
Hindi Poetry On River – नदी किनारे मेरा घर
नदी के किनारे पर हलचल हो रही है,
शाम मध्यम मध्यम ढल रही है।
पंछी गा रहे गाने यह पर,
पेड़ हवा में झूम रहे है ।
बतख सान से तैर रही है ,
गाय पी रही पानी नदिया का ।
बच्चे नदी किनारे खेल रहे हैं,
महिलाएं जा रहीं हैं मटके भर भर ।
कोई धो रहा है कपड़े
हम सब बैठे नदी किनारे,
मछलियों को दाना फेंक रहे ।
नदी किनारे हो रही है हलचल,
शाम मध्यम मध्यम ढल रही है।
कोई पैर डाल कर बैठा किनारे पर,
कोई कागज की नाव बनाकर छोड़ रहा ।
किसी को डर है मगरमच्छ के होने का,
कोई निडर हो कर तेर रहा ।
नाविक लेकर नाव नदियां में,
राहगीरों को उस पार छोड़ रहा ।
बदख ले रही मजा पानी का,
बाज ऊपर से मछली खोज रहा ।
कोई बना रहा घर रेत का ,
कोई पानी में संख खोज रहा ।
कोई फेंक रहा पत्थर पानी में,
कोई बस नजारा देख रहा ।
एक किनारे पर गांव है मेरा,
दूसरे किनारे पर कोई और है बस्ता ।
साथ हमेशा सदा रहते हैं,
पर कभी ना मेल होता है इनका।
नदी के दो किनारे संग संग रहते
फिर भी चलते सदा जुदा-जुदा ।।
Hindi Poetry On River – गाँव से मेरे निकली नादिया
गांव से मेरी निकली है नदिया,
हमको सबसे प्यारी है नदिया
रोज नहाने जाते हैं,
नदी में डुबकी लगाते हैं
पानी मछली और सिंघाड़े,
सबको ही नदिया से मिल जाते हैं
नदी किनारे की हवा
मनोहर संगीत सुनाती है
किसानों की सारी फसलें
नदिया से ही सिच जाती है ।
नदिया की मछली पकड़ कर
शहर बिकने जाती है।
खूब मस्ती बच्चे करते
बड़े तैरने जाते हैं ।
सारे गांव के पूजा करते
नदिया को मां कहते हैं।
सब कुछ देती नदिया माता
सुख समृद्धि और अमृत जल।
Best hindi poem on River – नदी किनारे होता मेरा घर
नदी किनारे मेरा घर
नदी किनारे होता मेरा घर ,
कितना प्यारा होता मेरा घर ।
खिड़की से ही नदी दिखती ,
ठंडी ठंडी हवा अंदर आती ।
घर से निकलकर तैरने लगते,
खूब मस्ती दिन भर करते ।
कागज की हम नाव बनाकर ,
नदी में रोज़ रेस लगाते ।
नदी किनारे झूला लगाते ,
झूले से नदी में कूदा करते ।
रेत के हम महल बनाते,
चाँद को हम नदी में ले आते ।
सपनों को हम सच कर जाते ,
नदी किनारे होता मेरा घर ।
मछलियों को खूब दाना डालते,
सुबह साम हम डुबकी लगाते ।
नदी किनारे होता मेरा घर ,
कितना प्यारा होता मेरा घर ।
अगर कोई करता गंदगी नदी में,
हम उसको खूब समझाते ।
नदी का उसको महत्व बताते,
चौकीदार हम नदी के बन जाते ।
सारे दोस्तों को हम घर बुलाते ,
नदी किनारे फिर खेला करते ।
लकड़ी की एक नाव बनाते ,
रोज़ उस पार घूमने जाते ।
नदी किनारे होता मेरा घर,
कितना प्यारा होता मेरा घर ।
दोस्तों आप को हमारी यह पोस्ट कैसी लगी हेम फीडबैक ज़रूर भेजें । आप के फीडबैक से हेम आप की पसन्द और ना पसन्द का पता चलता है । हम आप को अच्छी – अच्छी पोस्ट लिखने ले लिए प्रतिबध है । हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए आप का धन्यवाद ।
also read –
सावित्रीबाई फुले पर निबंध In Hindi
धूनी वाले दादाजी – Dhuni Wale Dada Ji In Hindi
दीपावली मनाने का तरीका , पूजा का मुहूर्त और ग्रहण , Diwali – 2022
Gautam buddha and amrapali – Story of amrapali
Pahli Mulakat – 2 in Hindi|A Love story in hindi|
Daku angulimal ki kahani|बुद्ध और अंगुलिमाल|
Story of Gautam Buddha in hindi | Short story of buddha
Best story in Hindi motivational | Motivational story for students in hindi|
Hindi motivational stories – kismat ka khel
hindi motivational stories – bacche ki kabiliyat
Pahli Mulakat – A Love Story In Hindi ! पहली मुलाक़ात !
ईनाम मै माग़े 100 कोढ़े – chatur kisan ki kahani