आज की कहानी हम सबके प्यारे दुलारे बच्चों के लिए है । आज की कहानी (प्यासा कौवा की कहानी) हम सब ने बचपन में एक ना एक बात जरूर सुनी या पढ़ी होगी। यह प्यासा कौवा की कहानी ।
कहानी 1 – प्यासा कौवा की कहानी
गर्मियों का समय चल रहा था धूप बहुत तेज थी । आस पास के जंगल में पानी को बहुत कमी थी। सभी जानवर पानी के लिए परेशान होकर जंगल छोड़ कर नदी की ओर जा रहे थे पर नदियों में भी बहुत कम पानी था ।
एक कौवे को बहुत तेज प्यास लगी थी। वह अपने जंगल से बहुत दूर एक गांव की तरफ निकल आता है । प्यास में उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी वह जितना उड़ता उतनी ही उसकी हालत खराब होती और वह सब जगह पानी खोज खोज कर परेशान हो गया था ।
दूर जाकर उसको एक घड़ा दिखता है । घड़े को देखकर कौवे को बहुत खुशी होती है पर जब कौवा घड़े के पास पहुंचता है तो देखता है घड़े में तो बहुत कम पानी है। वह अपनी चोंच से पानी को नहीं निकल पाता ।
कौआ पानी निकलने की बहुत कोशिश करता है पर उसकी चोंच के पास तक पानी नहीं आ पाता ।कौआ उदास हो जाता है और सोचता है अब मैं क्या करूं ?
थोड़ी सोचने के बाद कौआ एक तरकीब लगाता है वही पास मैं बहुत सारे छोटे छोटे पत्थर पड़े रहते है ।वह एक एक कंकड़ उठाता है और घड़े में डालता जाता है ।
कंकड़ जैसे-जैसे घड़ी में गिरते जाते हैं वैसे वैसे घड़े का पानी ऊपर आता जाता है और कुछ ही समय में पानी ऊपर आ जाता है और कौवा अपनी चोंच से पानी पी लेता है।
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है हमारे सामने हालात कितने भी मुश्किल क्यों ना हो, पर हम को हिम्मत नहीं हरनी चाहिए धैर्य और परिश्रम से अपनी परिस्थिति का सामना करना चाहिए । मेहनत से न मुमकिन भी मुमकिन हो जाता है ।
बचपन मैं हम सब ने स्कूल मैं या दादा दादी से प्यासा कौवा की कहानी जरुरु सुनी होगी। आप ने प्यासा कौवा की कहानी कहा सुनी हमें कमेन्ट करके जरूर बताएँ ।
कहानी 2 – चुप्पी
एक बार की बात है। राज महल में सभी लोग चर्चा करने लगे आखिर अगर कोई मूर्ख व्यक्ति आपके सामने आ जाए और अनवाशक आप से चर्चा करने लगे ।उसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए ?
पूरे दरबार में राजा सबसे बारी बारी से पूछने लगा । कुछ लोग कहते उसको भगा देना चाहिए । कुछ लोग कुछ जवाब देते हैं तभी राजा का विशेष सलाहकार आया ।
राजा का सलाहकार बहुत बुद्धिमान था । राजा ने जब उससे पूछा बताओ ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए । राजा के सलाहकार ने कहा महाराज यह बहुत गंभीर प्रश्न है । इसका उत्तर मैं आपको तीन-चार दिन में दूंगा ।
महाराज ने कहा ठीक है ,मैं तुमसे कुछ दिनों बाद इसका जवाब लूंगा ।कुछ दिनों बाद जब दरबार लगा तो महाराज ने फिर अपने सलाहकार से अपने प्रश्न का जवाब देने को कहा ।
सलाहकार बोला महाराज में आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए एक साधु को लेकर आया हूं । महाराज ने उस साधु से वही प्रश्न किया ? साधु कुछ भी ना बोला बहुत देर हो गई राजा ने फिर प्रश्न किया पर साधु फिर कुछ नहीं बोला ।
महाराज को गुस्सा आने ही वाला था इतने में सलाहकार बोला महाराज साधु का मतलब है मौन रहना। साधु तब से आपको इसी बात का उत्तर दे रहा है ।
अगर कोई मूर्ख व्यक्ति आपसे बात करें और बिना मतलब की बहस करने लगे तो शांत रहना ही सबसे उचित रहता है ।
महाराज को यह उत्तर बहुत पसंद आया महाराज ने अपने सलाहकार और उस साधु को अच्छा खासा इनाम दिया ।
शिक्षा – कभी किसी मूर्ख व्यक्ति से हमे बहिस नहीं करना चाहिए क्यों की ना वो आप को बात समझेगा बल्कि आप को उदास कर देगा ।
दोस्तों आप को प्यासा कौवा की कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुरु बताए। धन्यवाद
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