दोस्तों आज आप के लिए सीख देने वाली कहानी कुछ कहानियां लेकर आए है। आज के समय में कहानी एक ऐसा माध्यम है जिससे हम मनोरंजन में ही वह बातें सीख लेते है जो हम बड़ी बड़ी किताबे पढ़कर नहीं सीख पाते। जीवन में नैतिक मूल्यों को हम कहानियों के माध्यम से आसानी से सीख सकते है।
बचपन से ही हमारी किताबों में एसी बहुत सी कहानियां होती है जिसको हम सुनते आए और शिक्षा लेते आए है। आज की इन कहानियों का उद्देश्य भी आप के जीवन में नैतिक शिक्षा का संचार करना है। आप को सीख देने वाली कहानी से क्या शिक्षा मिलती है आप हमें कमेंट करके जरूर बताएँ।
सीख देने वाली कहानी -1 शब्दों की वापसी
दोस्तों एक गांव में एक सफल व्यापारी रहता था। उसके पास एक अच्छी बड़ी दुकान थी और आमदनी भी इतनी थी गाँव में सबसे ज्यादा अमीर वही था। हर आदमी उससे अच्छे से बात करता और वह लोगों की बहुत मदद भी करता।
वह दिन रात मेहनत और बाकी समय में पूजा पाठ भी करता। की बहुत इज़्ज़त करते थे पर उस व्यापारी की एक बुरी आदत थी।
वह जल्दी गुस्से में आ कर लोगो से बुरा भला कह देता था ,जिससे गांव के बहुत से लोग उस से नाराज रहते और जब वह नाराज लोगों को मनाने जाता और वो लोग नहीं मानते तो उसको और गुस्सा आता और वह और बुरा भला कह देता और फिर बाद में व्यापारी को बहुत बुरा लगता।
एक बार गांव में एक बहुत ज्ञानी संत आए , कुछ ही दिनों में दूर दूर तक उनके ज्ञान के चर्चे होने लगे। जब यह बात व्यापारी तक पहुंची तो वह दौड़कर संत से मिलने पहुंचा। व्यापारी ने संत की बहुत सेवा और उनको अपनी समस्या बताई।
संत ने व्यापारी से कहा , तुम बहुत सारे कागज के टुकड़े लो और पूरे गांव में फेक आओ फिर मेरे पास आना। व्यापारी बिना सोचे समझे दिन भर कागज के छोटे छोटे टुकड़े पुरे गाँव में फैला देता है और फिर संत के पास पहुंच जाता है।
संत उस व्यापारी से कहते है तुम्हारी समस्या का समाधान मिल गया है बस तुमको एक काम करना है।
तुम जाकर उन सभी कागज के टुकड़ों को एकठ्ठा करके यहाँ ले आओ। अपनी समस्या का समाधान पाकर व्यापारी बिना कुछ सोचे समझे उन कागज के टुकड़ों को इकठ्ठा करने पहुंच जाता है। बहुत देर तक कोशिश करने के बाद व्यापारी को यह समझ आता है यह काम तो करना नामुमकिन है। सीख देने वाली कहानी
वह दौड़कर संत के पास जाता है कहता आप ने काम दिया वो तो असंभव है , मैं चाहकर भी उसको पूरा नहीं कर सकता।
संत मुस्कुराते है और कहते है – बेटा में भी यही कहना चाहता हूँ किसी को कहे अपशब्द वापिस नहीं सकते है इसलिए हमें हमेशा सोच समझ कर बोलना चाहिए। आज के बाद तुम यह बात अपने मन में अच्छे से बिठा लो चाहे कुछ भी हो जाए तुमको किसी को अपशब्द नहीं बोलना है।
संत से प्राप्त इस ज्ञान से व्यापारी की आँखे खुल जाती है और वह दोबारा जब भी किसी को गुस्से में कुछ बोलने वाला रहता है उसको कागज के टुकड़ों का उदहारण याद आ जाता है।
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह सीखने मिलता है की कितनी भी मुश्किल क्यों न आ हाय हमें किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिये क्योंकि अपशब्द से हुए नुकसान की भर पाए करना संभव नहीं है। गलत शब्दों से किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए।
अपना मूल्य
एक बार एक टीचर हाथ में एक हजार का नोट लेकर क्लास में अंदर आया और अपने स्टूडेंट से बोला – बताओ इस नोट को कौन लेना चाहेगा।
सभी ने हाथ खड़े कर दिए। टीचर ने फिर नोट हाथ में मोड़ दिया फिर सब से पूछा ? सब ने फिर नोट लेने की इच्छा जाहिर की, टीचर ने नोट को और गंदा कर दिया , फिर सब से पूछा अब इसको कौन लेना चाहेगा ?
सभी ने फिर उस नोट के लिए हाथ उठा दिए।
अब टीचर ने एक कदम आगे बढ़कर उस नोट को अपने जूते से कुचल दिया और फिर स्टूडेंट से पूछा तो फिर सब ने उस नोट को लेने की इक्छा जाहिर की।
फिर टीचर ने उस नोट को पानी में गीला कर दिया फिर भी सबको वह नोट चाहिए था।
अनत में टीचर ने पूछा बताओ इस नोट में ऐसा क्या है की मेने इसको इतना गन्दा किया , जुते से कुचला , गीला किया और न जाने क्या क्या किया तब भी आप सब इसको पाना चाहते हो ? सीख देने वाली कहानी
पता है तुम लोगों को ऐसा क्यों है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि इस नोट की कीमत अभी वही है जो पहले थी। इसलिए जीवन में एक बात हमेशा याद रखना तुम अपनी कभी कीमत कम मत समझना।
तुम्हारे जैसा दूसरा कोई नहीं है इस संसार में। जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किल और बुरा वक्त आये तुम अपनी कीमत मत गिरना। जीवन का वह सन्देश है जो तुम लोगो हमेशा याद रखना है।
उस टीचर समझने के तरीके से सभी स्टूडेंट को इतनी बड़ी बात इतनी आसानी से समझ में आ गई जो बड़े बड़े गायनी नहीं पाए।
शिक्षा – इस सीख देने वाली कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें उस नोट की तरह बनना है जो किसी भी हालत उसकी कीमत कम नहीं होती। जीवन में कितने भी उतर और चढ़ाव आए हमें अपने हौशलों को कमजोर नहीं करना है।
सीख देने वाली कहानी – 2 किसान
किसान सालों से बहुत मेहनत करके फसल लगता पर जब काटने की बारी आती तब पानी गिर जाता या फिर ओले पढ़ जाते ओर आधी फसल ख़राब हो जाती। इस बात से परेशान होकर किसान भगवान के पास गया और कहने लगा आप को किसानी का कुछ भी ज्ञान नहीं है , आप को पता ही नहीं है कब पानी गिराना है और कब धूप निकली है और कब मौसम ठंडा रखना है और कब गर्म रखना है।
अगर आप मेरे हिसाब से सब करे तो आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते की फैसले कितनी अच्छी निकलेगी।
भगवान मुस्कुराये और किसान को शक्ति दे दी और कहा जब तुम्हारी फसल निकले तब मेरे पास आना।
किसान बहुत खुश हुआ और मन में यह सोचते हुए गया अब देखो मैं बताऊंगा की कैसे किसानी के लिए मौसम लाया आता है।
अब पुरे समय किसान को जैसा लगता वैसा ही वह पानी गिरता , घूप निकलता और ठंड लाता । देखते देखते किसान की फसल बहुत शानदार हो गई। ऐसा लग रहा था जैसे इस से पहले कभी इतनी अच्छी फसल लगी ही न हो , इस बात से किसान बहुत खुश हुआ और कुछ ही दिनों में फसल काटने का समय आ गया।
जब किसान ने फसल काटी तो वह चौक गया ,उसने देखा फसल में तो दाने ही नहीं है और जो कुछ भी दाने है वह बहुत कमजोर है।
इस बात से परेशान होकर किसान फिर भगवान के पंहुचा और अपनी समस्या बताई। भगवान ने किसान से कहा जब तुम्हारी फसल ने की संघर्ष ही नहीं किया तो उसमे अच्छे दाने (फल) कहा से आ जाएगें , उन फसल ने आधी की मर सही , न ओलो की और न ही ख़राब मौसम की। एक अच्छी फसल के लिए संघर्ष करना बहुत जरुरी है।
किसान को अपनी गलती समझ में आ गई और वह भगवान से माफ़ी मांग कर वापिस आ गया और फिर उस ने दोबारा कभी ख़राब मौसम की शिकायत नहीं।
शिक्षा – इस सीख देने वाली कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की बिना संघर्ष के जीवन में सफलता नहीं मिलती। जब हम मेहनत करते है और परिणाम अपने हिसाब के नहीं मिलते तब हमें संयम रखना चाहिए और निरंतर मेहनत करते रहना चाहिए।
सीख देने वाली कहानी – 3 कामचोर
बहुत दिन पहले की बात है एक गाँव में एक काम चोर लड़का रहता था जो कुछ नहीं करता था। दिन भर घूमता फिरता और वक़्त ख़राब करता रहता था। एक दिन घूमते घूमते , वह एक घने जंगल में पहुंच जाता है , और वहा पर उसको एक लोमड़ी दिखती है जिसकी टांगे नहीं रहती और वह उसको देख कर हैरान हो जाता है आखिर यह लोमड़ी जिंन्दा कैसे है।
यह तो शिकार नहीं कर सकती , कुछ समय मैं वह पर शेर दहाड़ता है वह लड़का डरकर पेड़ पर चढ़ जाता है और देखता है शेर शिकार करता है और कुछ हिस्सा उस लोमड़ी को दाल कर चला जाता है।
इस बात उसको तनिक भी समझ में नहीं आती आखिर शेर ने उसको खाया क्यों नहीं ? वह इस बारे में बहुत सोचता है और अगले दिन आकर छुप कर देखता है तो रोज शेर ऐसा ही करता।
वह लड़कता समझ है की भगवान ने जिसको जीवन दिया है उसके खाने का इंतजाम भी किया है इसलिए हमें मेहनत करने की कोई जरूरत नहीं है। Motivational Stories in Hindi
वह लड़का भी ऐसा ही करता हो एक पेड़ के पास बैठ जाता है। दो तीन दिन वह इतंजार करता है पर उसको कोई ख़ाने के लिए नहीं देता , लड़का बहुत कमजोर हो जाता है चलने की हिम्मत नहीं कर पाता है।
तभी वहाँ से ज्ञानी संत निकलते है तो लड़का उनको अपनी साडी बात बताता है और शेर ,लोमड़ी का किस्सा सुनाता है।
संत मुस्कुराके उस से कहते है – बेटा भगवान तुम को शेर बनाना चाहते है और तुम बेवस लोमड़ी बनना चाहते हो इसलिए तुम्हारे साथ ऐसा हो रहा है। एक हि पल में उस लड़के को अपनी सारी गलती का अहसास हो जाता है और फिर वह मेहनत और लगन से काम करने लगता है। Motivational Stories in Hindi
शिक्षा – इस सीख देने वाली कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है हमें अपने कर्तव्य को कभी नहीं भूलना चाहिए , अगर हम देने वाले बन सकते है तो हमको कभी मांगने वाला नहीं बनना चाहिए।
सीख देने वाली कहानी – 4 जीवन की सीख
शहर से बहुत दूर पहाड़ो में एक गांव था जिसमे बहुत सीधे सादे लोग रहते थे। उसी गाँव के मंदिर में एक संत रहते थे जो बहुत ज्ञानी और शांत स्वभाव के थे। जब भी अपनी बांसुरी बजाते थे तब पानी गिरने लगता था।
जब भी गांव वालो को पानी आवश्यकता होती सभी लोग मिलकर उन संत के पास जाकर बांसुरी बजने का आग्रह करते और फिर पानी गिरने लगता। Motivational Stories in Hindi
एक बार उस गाँव में शहर से कुछ लड़को आए जो बहुत घमडी और अकड़ू थे। जब उनको इस बात का पता लगा इस गाँव में एक संत ऐसे जिनके बांसुरी बजने से पानी गिरने लगता है तो उन्होंने पहले गांव के लोगो का मजाक उड़ाया और फिर यह कहने लगे की हमारी गिटार बजने से भी पानी करात है संत से स्पर्धा करने की कहने लगे।
सारे गांव के लोगो ने उनको समझने की कोशिश की फिर भी वह नहीं माने और संत के पास जाने की जिद करने लगे।
संत के पास ले जाकर गांव के लोगों ने उनको सारी कहानी बताई। संत ने स्पर्धा के लिए है कह दिया। फिर क्या , एक करके लड़के गिटार बजाते चले गए पर पानी नहीं गिरा , देखते देखते सरे लड़के थक गए और कहा अब आप अपनी बाँसूरी से पानी गिरा कर दिखाओ। Motivational Stories in Hindi
संन ने कहा अगर में आज जीत गया तो तुम लोग कभी किसी का मज़ाज नहीं उढ़ाओगे।
लड़के संत की बात मान जाते है।
संत बांसुरी बजाना शुरू करते है और उसकी धुन में लीन हो जाते है , कब सुबह से साम और शाम से रात हो जाती है उनको पता नहीं चलता है। देखते ही देखते बदल गरजने लगते है और पानी गिरने लगता है। थोड़ी देर में संत बांसुरी बजाना बंद कर देते है।
लड़के संत से पूछते है – आप इतनी देर तक बांसुरी कैसे बजाते रहे ?
संत मुस्कुराकर कहते है में इस काम को ऐसे करता हूँ की जब तक पानी नहीं गिरेगा तब तक में रुकुंगा नहीं और मेरी बांसुरी से पानी को गिरना ही पड़ेगा।
संत यह सीख उन लड़को को जीवन भर याद रहती है उनके जीवन में सकारत्मक परिवारत आने लगते है।
शिक्षा – हमें सीख देने वाली कहानी से यह शिक्षा मिलती है की हमें अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक मेहनत करना चाहिए जब तक हमें वह प्राप्त न हो जाए। मेहनत इतनी ज्यादा करनी चाहिए की लक्ष्य प्राप्त हो ही जाए।
Motivational Stories – 5 कीमती घड़ी
एक बार की बात है एक पति अपनी पत्नी को एक क़ीमति घड़ी देता है और वह उसको सभाल रख देती है बहुत काम उसका इस्तेमाल करती है। एक दिन जब घर में पूजा होती है तब गॉव और उनके बहुत से रिश्तेदार आते है।
पूजा की भागादौड़ी में पत्नी भूल जाती हैउसके हाथ की घडी कही गिर गई है। और जब रत को इस बात का ख्याल आता है तो वह बहुत परेशान होकर घडी ढूढ़ने लगती है। इसी काम को करते बहुत देर हो जाती है। महिला सारे घर में , आँगन में और यहाँ तक की आस पास की गलियों तक में जहां वह सुबह से गई थी घड़ी को खोज लेती है पर उसको सफलता नहीं मिलती है।
अब वह महिला अपने परिवार वालो को भी इसी काम में लगा देती है और फिर से दोबारा कोशिश करती है। बहुत देर हो जाने के बाद जब वह हर जगह दो से तीन बार तक देख लेती है और उसे घडी नहीं मिलती तब वह परेशान बैठ जाती है।
उसकी परेशानी का कारण जान के उसका पति पत्नी से कहता है तुम सब लोग यही बैठो मैं अकेला घडी की खोज करूँगा। थोड़ी ही देर में उसका पति घर के अंदर से घडी हाथ में लेकर आ जाता ही। सब उससे पूछने लगते है की तुम्हे घड़ी कैसे मिली ?
उस महिला का पति कहता है मैंने अंदर जाकर शांति से बैठ कर घडी की आवाज़ सुनने की कोशिश की और थोड़ी ही देर में मुझे अपने कमरे में पलग के नीचे से घड़ी की आवाज़ सुनाई दी और मुझे घडी मिल गई।
शिक्षा – इस सीख देने वाली कहानीहमें यह शिक्षा मिलती है की कभी कभी जब हमें कुछ समझ में नहीं आने लगता है की जिंदगी में क्या करे तो हमें शांति से बैठ कर इसका चिंतन करना चाहिए और हमें एक नया रास्ता मिल जायेगा अपनी मुसीबत से लड़ने का।
सीख देने वाली कहानी – 6 अपमान
एक बार की बात है एक नौजवान लड़का बाहर से युद्ध कला में निपुण होकर अपने गांव वापस आता है। गांव में एक पहुंचे हुए गुरु होते हैं जो गांव के सभी लड़कों को युद्ध कला का अभ्यास कराते हैं।
वह लड़का एक-दो दिन गांव में घूमता है और यह जान लेता है कि इस गांव में प्रसिद्ध होना है तो इस गांव के गुरु को युद्ध में हराना होगा ।
वह उनके आश्रम जाकर उनको बुरा भला कहने लगता है, कुछ ही देर में आश्रम के सभी छात्र बाहर आ जाते हैं और अंत में वह गुरु जो युद्ध कला में बहुत अधिक निपुण थे बाहर आ जाते हैं।
वह लड़का जैसे ही इन गुरु को देखता है तो अपशब्द कहने लगता है। कुछ देर तक लगातार यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहता है। गुरु शांति और संयम से उसकी बातों को अनसुना करते जाते हैं।
इससे लड़का और अधिक चिढ़ जाता है और उनके पूर्वजों को ना जाने क्या-क्या कहता रहता है। बहुत देर तक जब गुरु कुछ नहीं करते हैं तो वह लड़का और अपशब्द कहकर फिर उस आश्रम से वापस चला जाता है।
जब वह गुरु अंदर आते हैं तो आश्रम के सभी छात्र फिर कहने लगते हैं आप इतने कायर कैसे हो सकते हैं ? आप युद्ध की इतनी अच्छी कला जानते हैं और आप हमें भी युद्ध करना सिखा रहे हैं।
अगर आपको उससे नहीं लड़ना था तो हमको आदेश देते, हम उसको तुरंत मजा चखा देते पर आप तो बहुत कायर निकले ,हमें आपसे यह उम्मीद नहीं थी।
गुरु पहले शांत रहते हैं और अंत में जब सब अपनी बात कह देते हैं और गुरु को दोषी ठहराते हैं। तब वह शांत होकर अपने शिष्यों से कहते हैं मुझे एक बात बताओ अगर कोई तुमको कुछ देना चाहता है और अगर तुम उसको नहीं लेते तो फिर वह वस्तु कहां जाती ?
उनमें से एक बोला फिर वह वस्तु उसी के पास रहती है जो हमें देना चाहता क्योंकि हमने तो वह ली ही नहीं।
गुरु मुस्कुराते हैं और कहते हैं यही तो मैं तुम लोगों से कहना चाहता हूं कि जब मैंने उसका अपमान , क्रोध और घृणा ली ही नहीं तो वह उसके पास ही रह गई।
आज का ज्ञान तुम लोगों के लिए यही है कि बेवजह अपनी शक्ति का प्रदर्शन ना करें। जीवन में तुमको बहुत मूर्ख और ऐसे लोग मिलेंगे जो बेवजह तुम्हें मुसीबत में डालना चाहेंगे। ऐसे समय में संयम रखें और इस बात पर गौर करें क्या वह वस्तु जो वह दे रहा है लेने लायक है या नहीं। अगर वह आपको अपमान दे रहा है तो आप उसको तनिक भी ना ले और वहां शांत रहे।
शिष्यों को गुरु की बात सुनकर अपनी गलती का एहसास होता है और सब गुरु से माफी मांगते हैं।
शिक्षा – हमको सीख देने वाली कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें बेवजह अपनी शक्ति का परीक्षण नहीं करना चाहिए और सामने वाले व्यक्ति की भावनाओं को समझ कर व्यवहार करना चाहिए।
अगर कोई हमें अपमानित कर रहा है और हम अपमान महसूस नहीं कर रहे हैं तो वह अपमान उसी के पास रह जाता है। जीवन में हमको बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो हम को मुसीबतों में धकेलना चाहते हैं और खुद को बड़ा साबित करना चाहते है। ऐसे में हमें शांति संयम और विवेक से काम लेना चाहिए।
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