नवरात्री एक हिन्दू पर्व है जिसको पूरे भारत देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है । नवरात्री में लोग पूरी श्रद्धा के साथ देवी की आराधना करते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं । देवी को चुनरी, श्रृंगार का सामान और घी के बने व्यंजनों का भोग लगाकर लोग देवी की कृपा प्राप्त करते हैं । ऐसा मन जाता है कि भगवान श्री राम ने रावण का वध करने से पहले जगदम्बा की पूजा की थी और फिर रावण का वध किया था ।
नवरात्री के नो दिनों तक लोग पूरी श्रद्धा के साथ व्रत और उपवास का पालन करते हैं । लोग अपनी मन वंचित वास्तु देवी से मांगते हैं और उन्हें अक्सर वो मिल जाया करती है । देवी निर्धन को माया, कोड़ी को काया और बांझन को पुत्र देने के लिए प्रशिद्ध हैं । देवी के अनेकों मंदिर हमारे देश में फैले हुए हैं जिनमें लोग सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठकर जल चढ़ाने जाते हैं । नो दिनों में से पहले दिन देवी की स्थापना की जाती है । देश में जगह जगह देवी की स्थापना की जाती है । लोग बड़े धूम धाम से देवी की स्थापना करवाते हैं ।
शहरों के हर महत्वपूर्ण चौराहों, बाजारों और विशेष स्थानों पर देवी की स्थापना की जाती है । नवरात्रि में देवी की स्थापना के लिए लोग बड़ी मात्रा में चंदा देते हैं और भव्य समारोह के साथ नवरात्री में देवी का आगमन होता है । देवी की पूजा में ख़ास ब्राम्हणों को नियुक्त किया जाता है जो मन्त्र उच्चारण में निपुण होते हैं । आज कल अगर देखा जाये तो नवरात्री में गाना बजाना भी बहुत होता है । नए नए समारोहों का आयोजन किया जाता है । गाने और नृत्य के इन आयोजनों में बड़े बूढ़े और यहाँ तक कि चोट छोटे बच्चे भी भाग लेते हैं ।
इसके अलावा देवी को सुन्दर पुष्प की माला बनाना और, दुर्गाष्टकम् का पाठ, और देवी कवच का पाठ नवरात्री के इन नौ दिनों में एक रोज मर्रा का काम है । श्रद्धालु बड़ी तादात में मैहर और वैष्णो देवी जाते हैं और नवरात्री मनाते हैं । ऐसा मन जाता है कि नवरात्री बुराई पर अच्छाई जीत का प्रतीक है और इस दिन माता जगदम्बा ने असुर महिसासुर एक वध करके संसार की रक्षा की थी । नवरात्री के दसवें दिन विजय दशवीं आती है और इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था ।
नवरात्री के नौ दिनों में अलग अलग देवियों की आराधना की जाती है । पहले दिन लोग माता सैलपुत्री की पूजा की जाती है जो माता पारवती का अवतार हैं । दूसरे दिन माता ब्रम्चारिणी की पूजा की जाती है । इसी तरह अन्य दिनों में अन्य देवियों की पूजा की जाती है । लोग अपनी मनोकामनाएं जैसे कि बच्चे की कामना, नौकरी की कामना, धन की कामना इत्यादि माता के सामने रखते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं ।
इसके अलावा हिन्दू धर्म में यह रिवाज है कि नवरात्री के नौ दिनों में लोग न तो बाल ही कटवाते हैं और ना ही नाखून । बड़े बड़े शहरों में भी नवरात्री के नौ दिनों तक नयी की दुकानें बंद रहती हैं । नवरात्री में सुबह माता को जल चढ़ाना एक प्राचीन चलन है जिसके तहत बहुत से लोग सुबह उठकर लोटे में जल लेकर अपने नजदीकी माता के मंदिर में उसे चढ़ाने जाते हैं । इस चलन का फायदा यह है कि जिसको नवरात्री के बारे में कोई जानकारी नहीं होती वह भी जल चढ़ाने के बहाने नवरात्री मनाता है ।
लोग नवरात्री के नौ दिनों में न तो प्याज लहसुन खाते हैं और न ही कोई और तामसिक भोजन खाते हैं । इन नौ दिनों में लोग पूरी तरह से सात्विक जीवन बिताते हैं । फलाहार करते हैं और उपवास का पालन करते हैं ।
नवरात्री की प्रचलित कथा
नवरात्री में प्रचलित एक कथा के अनुसार एक बार एक असुर महिसासुर ने ब्रम्हा जी से यह वरदान प्राप्त किया कि उसे कोई भी देवता और मानव नहीं मार सकता । वरदान प्राप्त करके उसने तीनों लोकों में उत्पात मचाना शुरू कर दिया । उसके सामने खड़ा होने वाला कोई नहीं था और वह साड़ी जगह विजय प्राप्त कर रहा था । देवता उससे व्हायभीत होकर स्वर्ग छोड़ दे रहे थे । एक एक करके सरे देवताओं ने स्वर्ग का धिपत्य छोड़ दिया और महिसासुर ने स्वर्ग पर अधिपत्य कर लिया ।
जब सभी देवता एक जुट होकर ब्रम्हा जी के पास पहुंचे और उनसे प्राथना की तो उन्होंने माँ जगदम्बा की शरण ग्रहण करने को कहा । माता की शरण में जाने से सभी देवताओं को अस्वाशन मिला कि माता महिसासुर का वध कर देंगी । ऐसा ही हुआ और एक दिन माता ने महिसासुर का वध किया जिससे स्वर्ग पर देवताओं का शासन फिरसे कायम हुआ । नवरात्री की इस कथा के माध्यम से देवी कि महत्ता का बोध होता है ।
नवरात्री में जल्दी कैसे उठें
नवरात्री में जल्दी उठने को लेकर कई लोगों के मानों में मत भेद रहता है । कुछ लोग सुबह ब्रम्हमुहूर्त माता को जल अर्पण करने जाते हैं तो वहीँ कुछ लोग ऐसा नहींकर पाते और कुछ लोग दोपहर तक । सुबह जल चढ़ाना ज्यादा बेहतर माना जाता है इसलिए सुबह उठने के कुछ हत्कंडे हमें अपनाना चाहिए । इनमे से पहला तो यह है कि रात को जल्दी सो जाना चाहिए जिससे सुबह जल्दी उठने में आसानी हो ।
दूसरा तरीका है सातिवक भोजन करना । तामसिक भोजन करना जीवन को बर्बाद कर देता है और यह नींद भी बहुत अधिक बढ़ाता है । अधिक नींद आने से व्यक्ति का समय बरबाद हो जाता है और वह अपना जरूरी काम नहीं कर पाता । सात्विक भोजन करने से सेहत अच्छी रहती है और सुबह नींद जल्दी खुल जाती है ।
तीसरा तरीका है व्यायाम करना । व्यायाम करने से सुबह नींद जल्दी आती है और जल्दी खुल जाती है । व्यायाम करने से स्वस्थ भी अच्छा रहता है । यदि आप नवरात्री में जल्दी नहीं उठ पाते हैं तो आपको इस समय व्यायम को प्राथमिकता देनी चाहिए ।
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