बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां  | Baccho ki shikshaprad kahaniyan

 दोस्तों आज हम Baccho ki shikshaprad kahaniyan लेकर आए हैं। कहानियों से बच्चों को मनोरंजन के साथ कुछ सीखने भी मिलता है। आजकल दोस्तों बच्चों को कहानी सुनाने का प्रचलन थोड़ा कम होता जा रहा है पर ऐसा नहीं है कि यह पूरी तरह बंद हो गया है। आज भी बच्चों को कहानियां सुनकर और पढ़कर बहुत आनंद आता है और उनके नैतिक मूल्यों में भी वृद्धि होती है। 

 कहानियां मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान का भी भंडार होती है बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां बच्चों में  ज्ञान की वृद्धि के साथ साथ  उनके नैतिक विकास में भी वृद्धि होती है। 

Baccho ki shikshaprad kahaniyan
Baccho ki shikshaprad kahaniyan – बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां

Baccho ki shikshaprad kahaniyan – महान राजा 

प्राचीन काल की बात है  भारत में एक छोटे से राज्य के राजा जो अपने नियम और  अनुशासन के लिए बहुत  मशहूर  थे।  एक बार उनके राज्य में घरों में आग लगने की घटनाएं प्रारंभ हुई।  हर दिन किसी ना किसी के घर में आग लग जाया  करती इससे राजा और प्रजा सभी परेशान थे। 

 राजा ने इस समस्या के लिए यह आदेश जारी किया कि सबको अपने घर की निगरानी करनी है और यह पता लगाना है कि यह आग कैसे लग रही है और कौन लगा रहा है राजा ने यह भी घोषणा की अगर जिसके घर में आग लगती है तो उसको कुछ दिन के लिए जंगल में रहना पड़ेगा। 

राजा के इस फैसले को देखते हुए सभी ने अपने अपने घरों की सुरक्षा का जिम्मा स्वयं उठाया और रात रात भर जाग कर अपने घरों की रक्षा की कुछ दिन तक राज्य में किसी के भी घर में आग नहीं लगी पर एक दिन संयोगवश राजा के महल में ही आग लग गई। 

  इस घटना से राजा ने अपने वचन के अनुसार जंगल में रहने का फैसला किया राजा के दरबारियों ने , राज्य के निवासियों ने और सभी लोगों ने राजा को मनाने की कोशिश की पर राजा अपने फैसले पर अडिग रहे और कहते रहे यह फैसला राज्य के प्रतीक नावेद के लिए था और मैं भी इस राज्य का एक नागरिक है इसलिए यह मुझ पर भी लागू होता है और राजा कुछ दिनों के लिए जंगल में रहने के लिए चले गए। 

 राजा के इस फैसले से राज्य के सभी लोगों मैं राजा के प्रति एक अटूट विश्वास  बन गया और सभी अपने राजा को महान समझने लगे। 

शिक्षा –  कोई भी नियम  सभी प्रभावी होता है जब उसको बनाने वाला स्वयं उसका पालन करें। चाहे आप किसी भी पद पर हैं आपको नियम का पालन जरूर करना चाहिए।

बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां – राजा का सवाल 

एक बार एक राजा ने अपने दरबार में सभी से एक प्रश्न पूछा और कहा जो भी इसका सही उत्तर देगा मैं उसको बहुत सारा इनाम दूंगा और अगर किसी को उत्तर पता नहीं है तो कुछ दिन बाद भी इसका उत्तर मुझे दे सकता है। 

 राजा का प्रश्न था कि पाप की जड़ क्या है?

 इस प्रश्न का उत्तर सभी लोगों ने अलग-अलग दिया और राजा को किसी के भी उत्तर से  संतुष्ट नहीं हुआ। राजा ने सभी को कुछ दिन की मोहलत दी और सही उत्तर देने को कहा। 

 दरबार के सभी लोगों ने अपनी बुद्धि और ज्ञान के अनुसार इस प्रश्न का उत्तर पाने की कोशिश की, पर राजा को किसी का भी उत्तर उचित नहीं लगा और राजा ने सभी को डांट लगाई। 

 अब राजा बहुत गुस्से में आ गए और अपने मंत्री से कहा इस प्रश्न के उत्तर की जवाबदारी में तुम्हें देता हूं अगर एक सप्ताह में तुझे इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला तो मैं तुम्हें तुम्हारे पद से मुक्त कर दूंगा। 

मंत्री ने इस प्रश्न के उत्तर को खोजने के लिए बहुत प्रयत्न किया। मंत्री को किसी ने बताया जंगल में एक संत रहते हैं जिनको बहुत ज्ञान है। वह इस प्रश्न का सही उत्तर दे सकते है। मंत्री अपने पद को बचाने के लिए तुरंत जंगल पहुंच गया और संत  से अपने प्रश्न का उत्तर मांगा। बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां

 संत ने  कहा मुझे इस प्रश्न का सही उत्तर मालूम है और मैं वह तुमको बता दूंगा पर तुमको मेरा एक काम करना होगा। मेरे दुश्मन को मार कर उसकी सारी दौलत मुझे लाकर देनी होगी। 

 मंत्री अपने पद को बचाने के लिए तुरंत  इस पाप कर्म को करने के लिए राजी हो गया। मंत्री जैसे ही जाने लगा संत ने कहा तुम एक बार सोच लो क्या तुम पाप करने को तैयार हो ?

 मंत्री ने बिना सोचे ही कहा – हां मैं यह करने के लिए तैयार हूँ आखिर यह मेरे पद का सवाल है मैं इसके लिए कुछ भी कर सकता हूं। 

 संत ने मुस्कुराते हुए कहा यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है। लोभ ही पाप की जड़ है। तुम अपने पद के लोभ में पाप करने के लिए तैयार हो गए। पाप की असल जड़ लोभ से ही प्रारंभ होती है। 

मंत्री ने जब यह उत्तर राजा को दिया तो राजा खुश हो जाए और मंत्री को विशेष उपहार दिया।  इस प्रकार राजा को अपना उत्तर और मंत्री को ढेर सारा धन प्राप्त हुआ। 

 शिक्षा –  पाप की जड़ लोभ होता है इसलिए हमें लोभ नहीं करना चाहिए।  लोभ हमें पाप कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। 

बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां – मूलचंद 

प्राचीन काल में एक राजा के यहां एक बहुत होनहार घर बनाने वाला रहा करता था। जिसका नाम मूलचंद था। राजा ने मूलचंद से अनेक भवनों का निर्माण करवाया जो देखने में बहुत ही सुंदर और आरामदायक थे।  राजा मूलचंद के काम से बहुत ज्यादा  खुश थे।  बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां

जब भी राज्य में किसी भी इमारत का निर्माण होना होता तो वह सबसे पहले मूलचंद को ही वह काम दिया करते थे। मूलचंद ने अपने पूरे जीवन में केवल भवन निर्माण भी किया था। 

एक दिन मूलचंद राजा के पास गया और कहने लगा महाराज अब मैं बूढ़ा हो गया और अपने गांव वापस जाना चाहता हूं। मैंने सारी जिंदगी भवन निर्माण में निकल दी  पर मेरे पास खुद का एक भी मकान नहीं है। इसलिए मैं गांव जाकर अपने परिवार के लिए एक छोटा सा घर बनाना चाहता हूं और बाकी बची जिंदगी उसने अपने बच्चों के साथ बिताना चाहता हूं। 

 राजा ने मूलचंद से कहा तुम अपने परिवार को यहां ले आओ और अपनी बची हुई जिंदगी में थोड़ा बहुत जो भी काम करना यही कर लेना। मूलचंद ने राजा से कहा महाराज मैं यहाँ अपने परिवार को नहीं ला सकता। मेरे पास यहाँ भी कोई मकान नहीं है। बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां

राजा ने मूलचंद की बात मान ली और कहा तुम बस एक भवन निर्माण और कर दो उसके बाद तुम अपने गांव चले जाना। मूलचंद का बिल्कुल भी मन नहीं था अब और घर बनाने का पर वह राजा की आज्ञा को टाल नहीं सकता था इसलिए उसने जैसे-तैसे उस घर का निर्माण किया। बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां

 मूलचंद का मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था इसलिए वह लापरवाही से घर का निर्माण करता गया। बहुत कम समय में ही घर तैयार हो गया। 

 जब मूलचंद ने राजा को बताया कि घर तैयार हो गया है तो राजा ने मूलचंद से कहा यह घर में तुम्हें उपहार के स्वरूप में देता हूं जिसमें तुम अपने परिवार के साथ आराम से रह सकते हो। 

 मूलचंद को  घर मिलने की खुशी थी और यह दुख भी था कि उसने दुनिया भर के घर तो बहुत अच्छे बनाए और जब अपने घर की बारी आई तो उसने लापरवाही के साथ बिना रुचि के घर बनाया जो ना देखने में सुंदर है और ना आरामदायक है।  मूलचंद चाहता तो अपना घर बहुत अच्छा बना सकता था। 

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें बिना मन के कोई भी काम नहीं करना चाहिए। काम छोटा हो या बड़ा हमें पूरी लगन और ईमानदारी से करना चाहिए। 

बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां एक बहुत अच्छा जरिया उनके नैतिक और मौलिक विकास के लिए।  हर माता-पिता को बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां फल पर अपने बच्चों को जरूर सुनाना चाहिए।दोस्तों आप को बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं आपके कमेंट में नई नई कहानियां लिखने में और आप तक पहुंचाने में प्रेरणा मिलती है।

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