दोस्तों आज हम आप के लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए है जो प्यार पर आधारित है। आप को अगर कहानी इन हिंदी लव स्टोरी पसंद है तो आपको यह कहानी बहुत पसंद आएगी। इस से पहले भी हम लव स्टोरी इन हिंदी लेकर आए है अगर आप ऐसी और कहानियां पढ़ना चाहते है तो आप हमारी पुरानी पोस्ट पढ़ सकते है।
कहानी इन हिंदी लव स्टोरी – दिल तक पहुंचने वाली कहानी
यह कहानी एक छोटे से शहर में रहने वाले विवेक नाम के लड़के की है। जो थोड़ा चंचल और शरारती रहता है। विवेक हमेशा लोगों से मजाक करता है और सबकी डाट भी खाता रहता है।
पर इसका यह मतलब नहीं की विवेक अच्छा लड़का नहीं है , आप भूलकर भी ऐसा नहीं कह सकते हो। विवेक हमेशा खुश रहता है और दूसरों को भी खुश रखता है।
आज विवेक अपने किसी रिलेटिव की शादी में जा रहा था जहां उसके कुछ फ्रेंड भी आने वाले थे। विवेक का मूड खूब मस्ती करने का था और उसने ऐसा किया भी। दोस्तों साथ खूब डांस किया , खाना खाया और बहुत सारा हसी मज़ाक हुआ।
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अब वक़्त हो गया था जयमाला का और दुल्हन भी स्टेज पर आ गई थी।
दुल्हन के साथ एक लड़की आयी जिसको देख कर विवेक अपना विवेक खो बैठा। इतनी सुन्दर लड़की शायद उसने पहली बार देखी थी।
विवेक उसके ख़यालों में ऐसा खो गया जैसे उसके पास कोई न हो ,विवेक के दोस्तों ने पल भर में अंदाजा लगा लिया की विवेक अपना दिल हार बैठा है और फिर क्या था ,सब विवेक को चिढ़ाने लगे।
वह लड़की विवेक की फ्रेंड रचना की दोस्त थी और रचना विवेक को उस लड़की से मिलवाने ले गई। उसका नाम था ऋचा जो एक बैंक में काम करती थी और कुछ दिन पहले ही इस शहर में आई थी।
विवेक बहुत ही फ्रेंक लड़का था उसने बातों ही बातों में ऋचा से दोस्ती के लिए पूछ लिया और ऋचा ने हस्ते हुए मना भी कर दिया। विवेक को थोड़ा बुरा तो लगा पर वह जनता था की वह हार मानने वालो में से नहीं है।
ऋचा और विवेक
अगले दिन ऋचा ने विवेक को बैंक में देखा और चिढ़ गई। ऋचा गुस्से में विवेक से बोली तुम को समझ में नहीं आता मैं तुमसे फ्रेंडशिप नहीं करना चाहती और तुम यहाँ तक आ गए। तुम समझते क्या हो अपने आप को ? तुम जैसे लड़के बहुत देखे है मैंने।
विवेक ने शांति से ऋचा से कहा तुम गलत समझ रही हो ? मैं यहां काम से आया हूँ।
ऋचा चिल्ला कर बोली – क्या काम ?
बैंक में जो भी था सबकी निगाहें विवेक पर थी , विवेक फिर भी मुस्कुरा रहा था और इतने में बैंक मैनेजर वहां आ जाता है और कहता है – ऋचा तुम ग्राहक से कैसे बात कर रही हो , इनको मैंने ही कॉल करके बुलाया है।
विवेक मुस्कुरा कर कहता है – सर मेरी गलती है थोड़ी गलतफहमी हो गई है और कुछ नहीं जाने दो , वैसे आप ने मुझे कॉल क्यों किया था ?
मैनेजर कहता है – सर आप केबिन में चलिए वही बात करते है।
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ऋचा को अपनी गलती समझ आ गई और वह खुद को बहुत शर्मिंदा महसूस करती है। उसने मन में गलत सोच लिया और विवेक को बिना गलती के डाट दिया। वह विवेक के बारे में ही सारा दिन सोचती रही और अफ़सोस करती रही।
शाम के समय विवेक को एक कॉल आया और वह काल ऋचा का था। ऋचा ने अपनी गलती की माफ़ी मांगने के लिए अपनी दोस्त से विवेक का नंबर लिया था। विवेक बोला इसकी कोई जरूरत नहीं , यह बस एक गलतफहमी थी और कुछ नहीं ?
पर मैंने जो गलत कहा उसका क्या ? क्या गलत कहा मुझे तो याद ही नहीं है। इतना कहकर विवेक हंसने लगा। विवेक के इस हंसमुख और बिंदास अंदाज ने ऋचा के दिल में जगह बना ली।
अब ऋचा भी विवेक से दोस्ती करना चाहती थी पर विवेक से कहना नहीं चाहती थी। कुछ दिन दोनों की बात फोन पर ही होती रही और एक दिन विवेक बैंक पहुंच गया और ऋचा से बोला चलो कुछ दिखाना है तुम को ?
बहार आकर देखा तो एक चमचमाती नई कार खड़ी थी जिसके लोन के लिए उस दिन विवेक आया था। विवेक ने ऋचा से घूमने के लिए कहा और ऋचा ने मना नहीं किया। दोनों एक लॉन्ग ड्राइव पर गए और विवेक कहने लगा ?
तुमको मैं कैसा लगता हूँ ?
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ऋचा सब समझ कर भी अनजान बनने लगी और बोली – एक लड़के जैसे लगते हो ?
और कैसा लड़का लगता हूँ में तुम्हे ? ठीक ठाक से ऋचा ने कहा ?
बस ठीक ठाक , एक फ्रेंड जैसा भी नहीं लगता ? अरे यार मज़ाक कर रही थी तुम मेरे लिए फ्रेंड से बढ़ाकर हो ?
अच्छा यह बात सुनकर विवेक की खुशी का ठिकाना न रहा। वह आगे की बात करना चाहता था पर उसने जल्द बाजी करना उचित नहीं समझा और बात को पलट दिया।
उस दिन दोनों देर रात तक घूमे ,फिरे , साथ खाना खाया और ढेर सारी बाते शेयर की। एक ही दिन में दोनों को ऐसा लग रहा था जैसे एक दूसरे के बारे में सब जान गए हो ,पसंद नापसंद और सब कुछ।
जब विवेक ऋचा को घर छोड़ने लगा तब ऋचा ने विवेक से कहा – तुम अपनी अपनी आँखे बंद करो एक सरप्राइज है। विवेक ने जैसे ही आँखे बंद की ऋचा ने एक विवेक के गाल पर एक किश किया ओर दौड़कर अनादर चली गई।
विवेक को इतनी खुशी आज तक नहीं मिली थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसको सब कुछ मिल गया हो। विवेक को आज प्यार का नशा हो गया था और विवेक इस नशे में ही रहना चाहता था।
ऋचा ने आज बिना कुछ कहे वह सब कह दिया था जिसको सुनने के लिए विवेक न जाने कितने दिनों से इंतजार कर रहा था।आज विवेक को अपना प्यार मिल ही गया और दोनों साथ साथ एक रिश्ते इ जुड़ गए।
दोस्तों कहानी इन हिंदी लव स्टोरी आपको कैसी लगी आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद
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